Move to Jagran APP

राफेल पर अब गोपनीयता की आड़ नहीं ले सकती है सरकार: कांग्रेस

पार्टी ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच गोपनीयता के समझौते की गलत आड़ ले रही एनडीए सरकार से अब यह बहाना छिन गया है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 09:44 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 09:44 PM (IST)
राफेल पर अब गोपनीयता की आड़ नहीं ले सकती है सरकार: कांग्रेस
राफेल पर अब गोपनीयता की आड़ नहीं ले सकती है सरकार: कांग्रेस

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। राफेल जेट सौदे विवाद में सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश को और रंग देते हुए कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तत्काल कीमतों का खुलासा करना चाहिए। पार्टी ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच गोपनीयता के समझौते की गलत आड़ ले रही एनडीए सरकार से अब यह बहाना छिन गया है। यह और बात है कि कोर्ट ने अभी भी राफेल सौदे की कीमत सार्वजनिक करने की बात नहीं कही है।

कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में कीमत का ब्योरा मांगा है और उसमें भी कोई अड़चन होने पर हलफनामा दाखिल कर इसे कहने की इजाजत दी है। बहरहाल जेपीसी जांच की अपनी मांग फिर से दुहराते हुए कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्देशों ने इस सौदे पर उसके रुख को सही ठहराया है।

loksabha election banner

सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश को एनडीए सरकार के लिए झटका बताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी समेत दूसरी प्रगतिशील ताकतें लगातार राफेल की कीमत बताने की मांग करती रही हैं। मगर सरकार ने गोपनीयता की अपनी गढ़ी शर्त का बहाना कर राफेल की खरीद कीमत का खुलासा करने से इनकार किया है। उनका कहना था कि देश में अब तक हुए सभी रक्षा खरीद सौदे का सभी सरकारें सार्वजनिक रुप से खुलासा करती रही हैं और एनडीए-भाजपा सरकार का ऐसा नहीं करना साफ तौर पर गड़बड़ी के संदेह का सवाल पैदा करता है।

तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे से अदालत को दी गई अब तक की जानकारियां याचिकाकर्ताओं को देने का निर्देश देकर सरकार की गोपनीयता की आड़ में भागने की कोशिशों पर ब्रेक लगा दिया है। सौदे के आफसेट कांट्रेक्ट की जानकारी मांगने के शीर्ष अदालत के निर्देश के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकारी कंपनी एचएएल को निकाल बाहर करने का सच इससे सामने आएगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार इस सवाल को उठाते रहे हैं कि एचएएल को बाहर कर अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को यह कांट्रेक्ट दिलवाया गया।

तिवारी ने कहा कि कीमत का खुलासा करने से बचने की सरकार की चालाकी भी काम नहीं आएगी क्योंकि सर्वोच्च अदालत ने साफ कहा कि अगर गोपनीयता का हवाला देकर वह कीमत नहीं बता सकती तो फिर सरकार हलफनामा देकर यह बात कहे।

उन्होंने कहा कि भारत-फ्रांस के बीच इस जुड़े समझौते में 18 बिन्दु हैं जिसमें कीमत की गोपनीयता का मसला कहीं नहीं है तो फिर सरकार ही बताये कि समझौते के किस बिन्दु में यह शर्त है। तिवारी ने कहा इसीलिए कांग्रेस संयुक्त संसदीय समिति से राफेल सौदे की जांच की मांग दोहराती है। जेपीसी का गठन कर राफेल सौदे की सारी फाइलें उसे तत्काल सौंपी जानी चाहिए ताकि निष्पक्ष जांच में सच्चाई सामने आ सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.