MBBS प्रवेश मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- 15 अगस्त तक विदेशी छात्रों को देनी होगी सूचना
सुप्रीम कोर्ट gkने बहस सुनने के बाद कहा कि प्रायोजित श्रेणी के विदेशी छात्रों को सरकार को प्रवेश की अंतिम तिथि से कम से कम 15 दिन पहले सूचना देनी चाहिए।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को प्रायोजित श्रेणी में एमबीबीएस प्रवेश मामले में निर्देश दिया है कि वह हर साल प्रवेश की अंतिम तिथि से कम से कम 15 दिन पहले चयनित विदेशी छात्रों को प्रवेश की सूचना देगी। कोर्ट ने कहा है कि केन्द्र सरकार प्रत्येक वर्ष प्रवेश के लिए छात्रों के नाम मंजूर किये जाने की सूचना छात्रों को 15 अगस्त तक दे देगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश इसलिए दिये ताकि देर से सूचना पाने के कारण विदेशी छात्र प्रवेश से वंचित न रहें। इसके साथ ही कोर्ट ने अंतिम तिथि बीतने के बाद सात विदेशी छात्रों को एम्स में प्रवेश देने का आदेश दिया।
7 विदेशी छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई थी गुहार
यह मामला प्रायोजित श्रेणी से विकसित देशों के छात्रों को एम्स में एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश का था। अंतिम तिथि बीतने के कारण एम्स द्वारा प्रवेश देने से मना किये जाने के बाद छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। कोर्ट गए सात विदेशी छात्रों में तीन लड़कियां और चार लड़के हैं। जिसमें से एक ईरान, दो भूटान और चार नेपाल के हैं।
एम्स ने प्रवेश देने से किया था इनकार
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव व न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद उपरोक्त आदेश दिये। ईरानी छात्रा आरेफी किगनी के वकील आरके गुप्ता ने कोर्ट से एम्स को प्रवेश लेने का आदेश देने की मांग करते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय ने 30 अगस्त को प्रवेश के लिए छात्रा का नाम मंजूर होने की सूचना भेजी थी। विदेश से यहां आने में समय लगता है। जब छात्रा 2 सितंबर को प्रवेश लेने एम्स पहुंची तो एम्स ने यह कहते हुए मना कर दिया कि प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अगस्त बीत चुकी है।
गुप्ता ने कहा कि छात्रा की कोई गलती नहीं है फिर भी उसे प्रवेश नहीं दिया गया। उन्होंने पीठ को गत वर्ष का आदेश दिखाया जिसमें कोर्ट ने ऐसे ही विदेशी छात्रों को प्रवेश के लिए तिथि बढ़ाई थी। नेपाल और भूटान के छात्रों की ओर से भी यही दलीलें दी गईं।
विदेशी छात्रों को सरकार अंतिम तिथि से 15 दिन पहले सूचना दे
कोर्ट ने बहस सुनने के बाद कहा कि इस साल और पिछले साल की घटनाओं को देखते हुए कोर्ट का यह मानना है कि प्रायोजित श्रेणी के विदेशी छात्रों को सरकार को प्रवेश की अंतिम तिथि से कम से कम 15 दिन पहले सूचना देनी चाहिए। दूसरे शब्दों मे कहा जाए तो प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त तक सूचना दे दी जानी चाहिए।
कोर्ट ने कहा है कि इस संबंध में संबंधित देश और संबंधित राज्यों की अथारिटी को उम्मीदवारों के बारे में पूर्व सूचना दी जानी चाहिए। मालूम हो कि एमएमबीबीएस प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश का शिड्यूल तय कर रखा है जिसके मुताबिक प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अगस्त है।