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राजनाथ ने बताया- मॉब लिंचिंग के लिए कौन 'जिम्‍मेदार' और इसे रोकना किसकी 'जिम्‍मेदारी'

मानसून सत्र के पहले दिन मॉब लिंचिंग को लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ था। सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत भी मॉब लिंचिंग पर हंगामे के साथ हुई।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 01:19 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 09:42 PM (IST)
राजनाथ ने बताया- मॉब लिंचिंग के लिए कौन 'जिम्‍मेदार' और इसे रोकना किसकी 'जिम्‍मेदारी'
राजनाथ ने बताया- मॉब लिंचिंग के लिए कौन 'जिम्‍मेदार' और इसे रोकना किसकी 'जिम्‍मेदारी'

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) की घटनाओं की भ‌र्त्सना करते हुए सरकार ने कहा है कि ये घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और राज्य सरकारों को ऐसी घटनाओं में लिप्त अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। केंद्र ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सोशल मीडिया सेवा प्रदाताओं को फेक न्यूज और अफवाहों पर अंकुश लगाने के लिए एक तंत्र बनाने को भी कहा है।

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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को लोक सभा में यह बात कही। कांग्रेस सदस्य पी वेणुगोपाल ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए स्वामी अग्निवेश पर हमला और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के लिए ट्विटर पर अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर चिंता जतायी जिसके जवाब में गृह मंत्री ने यह बात कही। सिंह ने कहा कि यह सच है कि देश के कई भागों में लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं, जिनमें कई लोगों की जानें गई हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि हाल के वर्षो में ही लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं।

उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में जो भी हताहत होते हैं या मारे जाते हैं वह निश्चित रूप से किसी भी सरकार के लिए चिंता का विषय है। भीड़ द्वारा हिंसा में जो भी हत्याएं हुई हैं या जो भी घायल हुए हैं, सरकार की तरफ से वह उन घटनाओं की भ‌र्त्सना करते हैं।सिंह ने कहा कि भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं अफवाह, संदेह और फेक न्यूज के आधार पर होती हैं। सरकार ने सोशल मीडिया सर्विस प्रोवाइडर्स को कहा है कि वे फेक न्यूज और अफवाहों को रोकने के लिए अपने सिस्टम में पर्याप्त व्यवस्था करें।

गृहमंत्री ने कहा कि यह केंद्र का विषय नहीं हैं। इस तथ्य के बावजूद सरकार ऐसी घटनाओं पर चुप्पी साधकर नहीं बैठ सकती। जब इस प्रकार की घटनाएं हो रही थीं तब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दो बार राज्यों को परामर्श भेजा है। वर्ष 2016 और उसके बाद जुलाई 2018 में राज्यों को इस संबंध में परामर्श जारी किया गया जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, वह तुरंत ही संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सीधे बातचीत करता हैं। 'जयंत सिन्हा को बर्खास्त करो' के लगे नारे वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने तो मॉब लिंचिंग की घटनाओं में कथित तौर पर लिप्त लोगों का माल्यार्पण किया है।

उन्होंने कहा कि क्या यह कानून का शासन है? ये बहुत ही गंभीर मुद्दे हैं। सरकार को देश में लोकतांत्रिक माहौल सुरक्षित करना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार लोगों पर निशाना साधने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।इससे पूर्व प्रश्नकाल के दौरान जब जयंत विमानन मंत्रालय से संबंधित प्रश्नों का जवाब देने के लिए खड़े हुए तो विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस, राजद, वामदल, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने जयंत सिन्हा को बर्खास्त करो के नारे लगाए। कई सदस्य वेल में भी नजर आए और तब तक वहीं बने रहे जब तक जयंत सवालों का उत्तर देते रहे।


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