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स्टार्टअप कंपनियों के लिए सुनहरा मौका, रक्षा मंत्रालय ने शुरू किया 'डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज'

निर्मला सीतारमण ने 'डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज' की शुरुआत की। मंत्रालय ने स्टार्टअप्स के आइडिया को बाजार मुहैया कराने का भरोसा दिया है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 05 Aug 2018 07:41 AM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 07:53 AM (IST)
स्टार्टअप कंपनियों के लिए सुनहरा मौका, रक्षा मंत्रालय ने शुरू किया 'डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज'
स्टार्टअप कंपनियों के लिए सुनहरा मौका, रक्षा मंत्रालय ने शुरू किया 'डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज'

बेंगलुरु (प्रेट्र)। देश में तेजी से बढ़ रही स्टार्टअप कंपनियों के लिए नया रास्ता खुल गया है। रक्षा मंत्रालय ने विभिन्न तकनीकी जरूरतों का समाधान तलाशने के लिए स्टार्टअप्स को आमंत्रित किया है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 'डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज' की शुरुआत की। मंत्रालय ने स्टार्टअप्स के आइडिया को बाजार मुहैया कराने का भी भरोसा दिया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल में इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आइडेक्स) का एलान किया था। इसी के तहत रक्षा मंत्री ने इस चैलेंज की शुरुआत की है। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि देश में स्टार्टअप्स के लिए शानदार माहौल है। नई कंपनियां अपने समाधान लेकर हमारे पास आएं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की ओर से जो चुनौतियां दी गई हैं, कंपनियां उनसे इतर आइडिया और प्रोटोटाइप भी ला सकती हैं। ऐसे हर आइडिया को उचित सम्मान मिलेगा।

मंत्रालय यह भी सुनिश्चित करेगा कि उनके आइडिया/प्रोटोटाइप को बाजार मिल सके। मंत्रालय अपने पास आने वाली किसी भी स्टार्टअप कंपनी को अयोग्य नहीं ठहराएगी। कंपनियां बिड या टेंडर के माध्यम से या स्वत: संज्ञान के आधार पर भी मंत्रालय से संपर्क कर सकती हैं। रक्षा मंत्री ने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया कि नए आइडिया अपनाने और परीक्षण के बाद उनकी खरीद को लेकर नियमों में संशोधन किया गया है।

मंत्रालय की चुनौतियां

मंत्रालय ने स्टार्टअप्स के सामने 11 चुनौतियां रखी हैं। इनमें बिल्ट-इन सेंसर के साथ इंडीविजुअल प्रोटेक्शन सिस्टम, आरपार देखने में सक्षम बख्तरबंद, कार्बन फाइबर वाइंडिंग, एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम, ग्रेडेड सिक्योरिटी के लिए हार्डवेयर आधारित सुरक्षित ऑफलाइन एनक्रिप्ट या डिवाइस, 4जी/एलटीई आधारित टैक्टिकल लोकल एरिया नेटवर्क, टेक्नोलॉजी आधारित डीसैलीनेशन सिस्टम, लॉजिस्टिक्स में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल, रिमोट से संचालित हो सकने वाले हवा में उड़ने में सक्षम वाहन, लेजर हथियार और सतह व पानी चलने वाले मानवरहित वाहन शामिल हैं।


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