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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर 25 सितंबर को आएगा फैसला

विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बचाव पक्ष और अभि‍योजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 02:02 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 03:19 PM (IST)
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर 25 सितंबर को आएगा फैसला
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर 25 सितंबर को आएगा फैसला

नई दिल्‍ली, एएनआइ। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद चल रहे कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर शनिवार को दिल्‍ली की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अब अदालत 25 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले बचाव पक्ष और अभ‍ियोजन पक्ष के वकीलों ने अपनी दलीलें रखी थीं। अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा। अदालत अब 25 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी।

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बता दें कि 17 सितंबर को दिल्ली की एक अदालत ने शिवकुमार को एक अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने शिवकुमार, हनुमंथैया और कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी और अन्य के खिलाफ पिछले साल मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। यह केस आयकर विभाग की चार्जशीट के आधार पर पिछले साल दर्ज किया गया था। कांग्रेस नेता पर कथित कर चोरी और हवाला के तहत लेन-देन करने का आरोप है।

गिरफ्तारी के बाद डीके शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि मेरे खिलाफ आईटी और ईडी द्वारा दर्ज किए गए केस राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। भाजपा ने बदले की कार्रवाई के तहत मुझे शिकार बनाया है। मैंने कोर्ट से अनुरोध किया था कि यह एक साधारण इनकम टैक्स का मामला है। मैं पहले से आयकर रिटर्न भर चुका हूं। मेरे खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) का कोई केस नहीं बनता है। 

डीके शिवकुमार के अलावा वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की मुश्किलें भी कम नहीं हुई हैं। बीते दिनों दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने INX Media Case में चिदंबरम की न्‍यायिक हिरासत को तीन अक्‍टूबर तक बढ़ा दी थी। सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर के सामने चिदंबरन की न्यायिक रिमांड को बढ़ाने की मांग की थी जबकि चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपनी न्यायिक हिरासत बढ़ाने की जांच एजेंसी की मांग का विरोध किया था। 


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