छत्तीसगढ़ में एसपी ने मंत्री को बताया अपना विशेषाधिकार, तो कर दिया गया तबादला
इस तबादले को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें भी उठ रही थीं लेकिन अब जाकर यह साफ हुआ कि राज्य सरकार के मंत्री के आदेश का पालन नहीं करने की वजह से उनका तबादला किया गया।
रायपुर, जेएनएन। सुकमा में पुलिस अधीक्षक पद पर पदस्थ रहे आईपीएस अधिकारी जीतेंद्र शुक्ला का पिछले दिनों अचानक तबादला कर दिया गया था। इस तबादले को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही थीं। इसके साथ ही एसपी ने भी एक टि्वट के जरिए इस तबादले पर अफसोस जाहिर किया था। पुलिस अधिकारी का कहना है कि छत्तीसगढ़ कैडर के लिए चुने जाने के बाद से वे देश के सबसे संवेदनशील नक्सल प्रभावित जिले सुकमा में काम करना चाहते थे। उन्होंने मांड क्षेत्र में नक्सल उन्मूलन अभियान में बेहतर काम भी किया।
इस तबादले को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें भी उठ रही थीं, लेकिन अब जाकर यह साफ हुआ कि राज्य सरकार के मंत्री के आदेश का पालन नहीं करने की वजह से उनका तबादला किया गया। दरअसल सोशल मीडिया पर आज दो पत्र तेजी के साथ वायरल हो रहे हैं। जिनमें से एक पत्र मंत्री कवासी लखमा की ओर से सुकमा जिले के एसपी जीतेन्द्र शुक्ला को भेजा गया था। इस पत्र में जिले में पदस्थ एक निरीक्षक का स्थानांतरण दूसरे थाने में करने के संबंध में निर्देश दिया गया था।
इस पत्र के जवाब में सुकमा एसपी जीतेन्द्र शुक्ला ने मंत्री को पत्र प्रेषित किया, जिसमें लिखा गया है कि जिले में किसी भी प्रकार से कानून-व्यवस्था और सुरक्षा-व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक की होती है जो वे अपने अधिनस्थ थाना प्रभारियों के माध्यम से करते हैं। यह पुलिस अधीक्षक का विशेषाधिकार है कि वे इस कार्य हेतु किसे नियुक्त करें और हटाएं। पुलिस अधीक्षक के कार्य में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करना या प्रभाव डालना उचित नहीं है।
पुलिस अधीक्षक की ओर से मंत्री महोदय को मिले इस जवाब की उन्हें शायद उम्मीद नहीं थी। यह पत्र व्यवहार 15 से 21 फरवरी के बीच हुआ और फिर इसके 15 दिनों के भीतर ही एसपी जीतेन्द्र शुक्ला का सुकमा से तबादला कर दिया गया।