Move to Jagran APP

तेलों की कीमतों पर नोकझोंक, पेट्रोलियम मंत्री बोले; मोदी सरकार पैसा गरीबों के खाते में देती है, 'दामाद' के खाते में नहीं

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने पलटवार किया कि यह पैसा गरीबों के खाते में जा रहा है कांग्रेस काल की तरह दामाद की जेब में नहीं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 08:02 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 08:25 PM (IST)
तेलों की कीमतों पर नोकझोंक, पेट्रोलियम मंत्री बोले; मोदी सरकार पैसा गरीबों के खाते में देती है, 'दामाद' के खाते में नहीं
तेलों की कीमतों पर नोकझोंक, पेट्रोलियम मंत्री बोले; मोदी सरकार पैसा गरीबों के खाते में देती है, 'दामाद' के खाते में नहीं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से लगातार चीन के मुद्दे पर कांग्रेस भाजपा में चल रही तनातनी सोमवार को पेट्रोल डीजल की कीमतों पर आ गई। सोनिया राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले 23 दिन में 22 बार पेट्रोल-डीजल मूल्य में इजाफे को बेहद असंवेदनशील फैसला बताते हुए मार्च महीने से अब तक बढ़ाई गई कीमतें वापस लेने की मोदी सरकार से मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार आमलोगों की जेब पर चोट कर रही है। तो दूसरी ओर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने पलटवार किया कि यह पैसा गरीबों के खाते में जा रहा है, कांग्रेस काल की तरह दामाद की जेब में नहीं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस शासित राज्यों ने भी पेट्रोल पर वैट बढ़ाया है।

loksabha election banner

बढ़ती कीमतों को लेकर सोनिया गांधी ने उठाए सवाल

पिछले कई दिनों से पेट्रोलियम की कीमतें लगातार बढ़ रही है। ऐसे में सोशल मीडिया अभियान में शामिल होते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें 80 रुपये लीटर पार कर गई हैं। बीते 22 दिनों में डीजल पर 11 रुपये और पेट्रोल 9.12 रुपये प्रति लीटर का इजाफा और मार्च के शुरू में सरकार ने उत्पाद कर में भारी बढ़ोतरी की थी। सोनिया ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार कम हो रही है। मगर मोदी सरकार ने 2014 से अब तक 12 बार टैक्स बढ़ाकर जनता की मेहनत की कमाई से सीधे 18 लाख करोड रुपये अपने खजाने में भरा है। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार सबसे अमीर 15 लोगों का लाखों करोड़ का टैक्स माफ कर सकती है मगर गरीबों को तीन महीने के लिए भी 10 हजार रुपये नकद नहीं दे सकती। जब क्रूड की कीमतें सबसे निचले स्तर पर है तो पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतें सरकार वापस ले ।

पेट्रोलिय मंत्री ने दिया जवाब

इसका तीखा जवाब सीधे पेट्रोलियम मंत्री की ओर से आया। धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान पेट्रोल डीजल से मिला पैसा स्वास्थ्य, रोजगार और लोगों की सुरक्षा पर खर्च हो रहा है। उन्होंने सोनिया गांधी को कहा कि वह भूल गई हैं कि कांग्रेस शासित राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, झारखंड और पुद्दुचेरी ने भी पिछले तीन महीने में भारी भरकम वैट लगाया है। ऐसे में सोनिया-राहुल को राजनीति करने की बजाय कांग्रेस शासित राज्यों से हकीकत का पता करना चाहिए। राज्य भी इस पैसे से कोविड की चुनौती से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी इसलिए आशंकित हो रही है क्योंकि उनके काल में सत्ता का इस्तेमाल दामाद और राजीव गांधी फाउंडेशन में सरकारी पैसो का हस्तांतरण होता था।

बहरहाल, कांग्रेस की ओर से पार्टी प्रवक्ता खुशबू सुंदर ने पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने के लिए इसे जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की। साथ ही कहा कि मार्च से अभी तक तीन महीने में ही पेट्रोल-डीजल से सरकार ने 130000 करोड रुपये की कमाई की है। क्रूड आयल 2004 के स्तर पर है मगर कीमतें रिकार्ड तोड़ रही हैं और दाम घटाने को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब देने की बजाय सरकार मुद्दों से भटकाने में लगी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.