भारत-पाकिस्तान के कुछ लोग कश्मीर में शांति नहीं चाहते : फारुख अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने कहा कि दोनों मुल्कों के कुछ लोग घाटी में अस्थिरता और घृणा बरकरार रखना चाहते हैं, जिससे कि उनकी राजनीति चलती रहे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और पाकिस्तान दोनों मुल्कों में कुछ ऐसे निहित स्वार्थी तत्व हैं, जो कश्मीर में शांति नहीं चाहते हैं। गुरुवार रात उद्यमियों के संगठन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में निवेश के लिए आमंत्रण देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि अगर आप वहां आते हैं तो राज्य के लोग आपको उतना प्यार देंगे, जितना आपने सोचा भी नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि दोनों मुल्कों के कुछ लोग घाटी में अस्थिरता और घृणा बरकरार रखना चाहते हैं, जिससे कि उनकी राजनीति चलती रहे। राजनीतिज्ञों, नेताओं और सैन्य प्रतिष्ठानों आदि सभी जगह निहित स्वार्थी तत्व मौजूद हैं। जब तक इनको नहीं हटाया जाता है तब कश्मीर मुद्दा नहीं सुलझ सकता है। अगर दोनों देश क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहते हैं तो उन्हें आगे आना होगा।
कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के संबंध में अब्दुल्ला ने कहा कि बहुत से नौजवान कश्मीरी पंडित घाटी नहीं लौटना चाहते हैं, क्योंकि वे वहां कभी नहीं रहे। सिर्फ उम्रदराज पंडित ही लौटना चाहते हैं। हालांकि उनमें से भी कई ने हिंसा के डर से मामूली कीमत पर अपनी जमीन बेच दी हैं। जो लौटना चाहते हैं, वह जरूर आएं। इसके लिए मुस्लिम समाज के दिलों में जगह बनाने की जरूरत है। क्योंकि विभाजन के समय कश्मीर के लोगों ने भारत के साथ रहने का निर्णय लिया था।