राहुल की पीएम उम्मीदवारी पर सहमत नहीं सीपीआई, कहा- नुकसान हो सकता है
स्टालिन ने रविवार को चेन्नई में एक रैली में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार घोषित कर दिया था।
हैदराबाद, प्रेट्र। द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी क्या घोषित किया, विपक्षी दलों में सियासी हलचल पैदा हो गई है। भाकपा ने तो इसे भाजपा के खिलाफ बनने वाले विपक्षी एकता के लिए खतरा तक बता दिया है। भाकपा का कहना है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी की घोषणा से चुनावी नतीजों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, राकांपा ने भी एक तरह से स्टालिन की घोषणा को खारिज कर दिया है।
स्टालिन ने रविवार को चेन्नई में एक रैली में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार घोषित कर दिया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाकपा के महासचिव एसएस रेड्डी ने कहा अगर कोई नाम प्रस्तावित करता है तो हम क्या कर सकते हैं। हम उसका विरोध नहीं करेंगे। लेकिन भाकपा चुनाव से पहले किसी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किए जाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा, उस पर चुनाव के बाद बहस होनी चाहिए, अभी नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद के ज्यादा उम्मीदवारों से भाजपा के खिलाफ बनने वाले विपक्षी एकता को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।
वहीं, मुंबई में शरद पवार की पार्टी एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि यह तो बहस का मुद्दा ही नहीं है, क्योंकि कांग्रेस ने पहले ही कह दिया है कि प्रधानमंत्री का चयन लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्टालिन राहुल गांधी का समर्थन करते हैं तो यह अच्छी बात है।
इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम भी कह चुके हैं कि कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर यह कभी नहीं कहा है कि अगर विपक्षी गठबंधन की सरकार बनती है तो राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर विपक्षी दलों को बहुमत मिलता है तो सभी सहयोगी दलों के साथ बातचीत के बाद प्रधानमंत्री का चयन किया जाएगा।