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Budget Session: वित्त मंत्री सीतारमण बोलीं, तबाही की बात करने वाले बनते जा रहे हैं राहुल गांधी

सीतारमण ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में एक दिन पहले ही दामाद शब्द का उपयोग करते हुए कांग्रेस के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी। शनिवार को उन्होंने इसे और धार दिया और कहा कि कांग्रेस हम दो हमारे दो सरकार की बात कर रही है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 04:28 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 07:48 AM (IST)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की फाइल फोटो

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कभी बजट, कभी किसान आंदोलन तो कभी चीन के मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को लोकसभा में बहुत आक्रामक नजर आईं। उन्होंने राहुल गांधी को भारत का डूम्स डे मैन (प्रलय की बात करने वाला व्यक्ति) करार दिया। बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए निर्मला ने कहा कि कांग्रेस को लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा ही नहीं है.. संवैधानिक संस्थाओं का अपमान किया जाता है, हर बात पर भ्रम फैलाया जाता है। बेबुनियाद आरोप लगाया जाता है और जवाब सुनने का संयम नहीं होता है।

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बता दें कि सीतारमण ने राहुल गांधी की जिस 'डूम्स डे मैन' से तुलना की है वह एक अमेरिकी कॉमिक्स 'एवेंजर्स' का काल्पनिक पात्र है। यह कॉमिक्स के मुख्य नायक कैरोल डंवर्स का दुश्मन होता है, जो झूठी अफवाह फैलाता है और प्रलय की बात करता है।

वित्तमंत्री ने कांग्रेस पर कसा तंज

सीतारमण ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में एक दिन पहले ही दामाद शब्द का उपयोग करते हुए कांग्रेस के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी। शनिवार को उन्होंने इसे और धार दिया और कहा कि कांग्रेस हम दो, हमारे दो सरकार की बात कर रही है। सच्चाई है कि कांग्रेस में ही इसका पालन हो रहा है। जहां दामाद को कुछ राज्यों में जमीन दी गई और हम दो हमारे दो का ख्याल रखा गया। वित्तमंत्री ने तंज के साथ कहा कि हम तो अपेक्षा कर रहे थे कि किसानों के हित का दावा करने वाली कांग्रेस अपने दामाद से कहती कि वह छोटे किसानों की जमीन वापस करें, लेकिन सिर्फ बयानबाजी की जा रहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में वित्त मंत्री ने कहा कि वह 10 मुद्दों पर राहुल के जवाब की उम्मीद कर रही थीं। वह जानना चाहती थी कि कांग्रेस ने कृषि कानून पर यू-टर्न क्यों लिया। मनमोहन ¨सह ने कृषि सुधार की जरूरत बताई थी। उसपर राहुल का क्या कहना है। पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में वादे के बावजूद किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ किया गया। राहुल पंजाब में किसान आंदोलन पर क्यों चुप हैं। निर्मला ने कहा कि ऐसे कई सवाल हैं जिसपर कांग्रेस को सफाई देनी चाहिए। लेकिन चुप्पी बरती गई।

सीतारमण ने कहा कि बजट पर बोलने के लिए राहुल गांधी जब खड़े हुए तो उम्मीद थी कि कृषि सुधार कानूनों पर कुछ बात कहेंगे और तीनों कानूनों में से किसी एक में भी यह दिखाएंगे कि वह कानून गलत है। लेकिन राहुल ने ऐसा नहीं किया।

कांग्रेस-चीन के बीच समझौते पर उठाए सवाल

सीतारमण ने भारत-चीन विवाद मसले के संदर्भ में भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सीमा पर चल रहे घटनाक्रम की जानकारी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के स्तर पर ली जाती है। विपक्षी पार्टी चीन की पार्टी के साथ पार्टी स्तर पर जानकारी साझा करने के लिए समझौता करती है।

कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए फंड

वित्त मंत्री ने कहा, 'विपक्ष यह कह रहा है कि बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं है तो हम यह बताना चाहेंगे कि हम एपीएमसी के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए फंड दे रहे हैं। हम यह पूछना चाहते हैं कि एपीएमसी कहीं बंद हुई है क्या? कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 30,000 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया। उन्होंने कहा कि किसान बिल पर यून टर्न लेने वाली कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी के नाम पर वोट मांगे, लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान में आजतक किसानों को कर्ज नहीं मिले, उनका कर्ज माफ नहीं हुआ।

वित्तमंत्री ने कहा कि उनसे पूछा जा रहा है कि बजट में रोजगार के लिए क्या? प्रविधान किया गया तो मैं बताना चाहूंगी कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 5.54 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत खर्च होगा और तत्काल रूप से रोजगार निकलेगा। प्रमुख उद्योगों को फायदा होगा। प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से कई क्षेत्रों में रोजगार निकलेंगे।

अर्थव्यवस्था में मांग निकलेगी

वित्त मंत्री ने बताया कि कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 27.1 लाख करोड़ रुपए का जो वित्तीय पैकेज दिया गया, उससे अर्थव्यवस्था में मांग निकलेगी। लोगों के रोजगार को फिर से बहाल करने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित किया गया और नियोक्ता व कर्मचारी दोनों तरफ की पीएफ रकम देने की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि बजट में अनुसूचित जाति-जनजाति विकास के मद में होने वाले खर्च में कटौती नहीं की गई है बल्कि पिछले साल के मुकाबले उसमें बढ़ोतरी की गई है। बैंकों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को घर जाकर कर्ज देने का निर्देश दिया गया। 50 लाख स्ट्रीट वेंडर को 10,000 रुपए कर्ज देने की व्यवस्था की गई।


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