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न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सीतारमण का कांग्रेस पर परोक्ष हमला

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिन लोगों ने कभी धान और गेहूं के अलावा किसी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय नहीं किया वे अब नए कृषि कानूनों पर बेवजह की शंकाएं पैदा कर रहे हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 07:54 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 07:54 AM (IST)
न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सीतारमण का कांग्रेस पर परोक्ष हमला
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कांग्रेस पर हमला।

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर कांग्रेस पर नाम लिए बिना तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कभी धान और गेहूं के अलावा किसी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय नहीं किया वे अब नए कृषि कानूनों पर बेवजह की शंकाएं पैदा कर रहे हैं। उन्होंने नए कृषि कानूनों की तरफदारी करते हुए कहा कि ये केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इनसे अंतरराज्यीय कृषि व्यापार को लाभ होगा।

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न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म होने के बारे में हो रही चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि इस बारे किसी तरह की शंका निर्मूल है। एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि एमएसपी है, एमएसपी था और एसएसपी हमेशा रहेगा। मोदी सरकार में 20 से अधिक फसलों पर एमएसपी की व्यवस्था लागू है। उन्होंने कहा कि कुछ सरकारों के कार्यकाल में सिर्फ धान और गेहूं पर ही एमएसपी की व्यवस्था थी। वही लोग अब इस मुद्दे पर शोर मचा रहे हैं। लोगों के मन में शंकाएं पैदा करने के लिए कह रहे हैं कि सरकार यह व्यवस्था बंद करने जा रही हैं। उनका इशारा कांग्रेस की ओर था।

'आने वाले वर्षो में लगातार बढ़ेगा एमएसपी'

इससे पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों को आश्वस्त किया था कि फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) न केवल बरकरार रहेगा बल्कि इसमें आने वाले वर्षो में वृद्धि भी होती रहेगी। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि नए कानूनों के तहत किसानों को व्यवसायी वर्ग की दया पर छोड़ दिया जाएगा। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों की आलोचना करते हुए राजनाथ ने कहा कि वे संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों पर किसानों के बीच गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस की युवा शाखा द्वारा टै्रक्टर जलाने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए यह काम किया गया।


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