बिजली संकट, कोयले की कमी का सच छुपा रहा केंद्र: सीताराम येचुरी का आरोप
येचुरी ने कहा मंत्री कहते हैं कि कोयले की कोई कमी नहीं है लेकिन हर राज्य से शिकायतें आ रही हैं कि थर्मल यूनिट बंद हैं और बिजली उत्पादन नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना की दूसरी लहर की तरह यहां भी तथ्य छुपा रही है।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिजली संकट और कोयले की कमी को लेकर देश से सच्चाई छुपा रही है। उनका कहना है कि विभिन्न राज्यों से थर्मल इकाइयों के बंद होने की शिकायतें आई हैं।
समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए येचुरी ने कहा, 'मंत्री कहते हैं कि कोयले की कोई कमी नहीं है, लेकिन हर राज्य से शिकायतें आ रही हैं कि थर्मल यूनिट बंद हैं और बिजली उत्पादन नहीं हो रहा है क्योंकि कोयला नहीं है।' उन्होंने आगे आरोप लगाया कि सरकार अब तथ्यों को छिपा रही है जैसे वे आक्सीजन की कमी के संबंध में COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान कर रहे थे।
येचुरी बोले, 'यह ऐसा है जैसे COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी थी। सरकार देश के सामने सच्चाई क्यों नहीं बताती? मैं इस सरकार से देश के लोगों को सच बताने का आग्रह करता हूं। कब तक जनता को गुमराह कर सरकार चलाओगे?'
बिजली मंत्रालय ने सोमवार को राज्यों को पत्र भेजकर राज्य के उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए आवंटित बिजली का उपयोग करने का ही अनुरोध किया है। अधिशेष बिजली के मामले में, राज्यों से अनुरोध किया कि वे सूचित करें ताकि इसे अन्य जरूरतमंद राज्यों को पुन: आवंटित किया जा सके।
विद्युत मंत्रालय ने आगे राज्यों को चेतावनी दी है कि यदि कोई राज्य पावर एक्सचेंज में बिजली बेचता है या इस आवंटित बिजली को शेड्यूल नहीं करता है, तो उनकी असंबद्ध बिजली को अस्थायी रूप से कम किया जा सकता है या अन्य राज्यों को वापस दिया जा सकता है जिन्हें बिजली की आवश्यकता होती है।