तालिबान के रुख में बड़े बदलाव का संकेत, कहा- भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं
तालिबान ने इस बात से साफ इनकार किया है कि उसकी भारत के खिलाफ कोई हिंसक आंदोलन करने की तैयारी है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अफगानिस्तान शांति वार्ता को लेकर अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों के तेज होने के साथ ही तालिबान के अपने रुख में एक बड़े बदलाव के संकेत दिये हैं। यह संकेत उसने भारत के संदर्भ में दिया है जो अब अफगानिस्तान शांति वार्ता में एक पक्ष के तौर पर स्थापित हो चुका है। तालिबान ने इस बात से साफ इनकार किया है कि उसकी भारत के खिलाफ कोई हिंसक आंदोलन करने की तैयारी है। यही नहीं, तालिबान ने यह भी कहा है कि उसकी किसी भी देश के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोई मंशा नहीं है।
तालिबान का यह रवैया उसका स्थाई व्यवहार नहीं
भारत ने आधिकारिक तौर पर तालिबान के इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन जानकार यह भी मान रहे हैं कि तालिबान के इस रवैये को उसके स्थाई व्यवहार मानना अभी जल्दबाजी होगी। दरअसल, एक दिन पहले पाकिस्तान के कुछ प्रमुख मीडिया में तालिबान के हवाले से यह समाचार प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी कि तालिबान ने ईद के बाद भारत पर हिंसक हमला करने का ऐलान किया है। इसमें यह भी दावा किया गया था कि तालिबान ने भारत में जेहाद करने का ऐलान किया है ताकि कश्मीर को आजाद किया जा सके।
सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर जारी किया बयान
इस पर तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर बयान जारी दिया कि, ''भारत के बारे में कुछ मीडिया में प्रकाशित खबरों का ताल्लुक तालिबान (इस्लामिक अमीरात) से नहीं है। इस्लामिक अमीरात की अपने पड़ोसियों के बारे में काफी स्पष्ट नीति है कि हम उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते।'' तालिबान का यह बयान उसके दो हफ्ते पहले के उस बयान से काफी भिन्न है जिसमें भारत पर यह आरोप लगाया गया था कि वह अफगानिस्तान को लेकर हमेशा नकारात्मक भूमिका निभाते रहता है।
फर्जी ट्वीट में पाकिस्तान की भूमिका
नई दिल्ली की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है लेकिन सूत्र इस पूरे प्रकरण में पाकिस्तान की भूमिका भी देख रहे हैं। क्योंकि तालिबान के जिस धड़े की तरफ से यह फर्जी ट्विट करवाया गया है, उसकी तमाम गतिविधियां पाकिस्तान में ही चलती हैं और वहां की मीडिया ने ही इसे पहले प्रचारित करवाया। यहां तक कि पाकिस्तान के कई मीडिया हस्तियों ने इसे रिट्वीट किया और भारत को धमकी भी दे डाली।
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात से पाकिस्तान परेशान
अफगानिस्तान में जिस तरह से हालात बदल रहे हैं, उससे पाकिस्तान भी खासा परेशान है। पहले अफगानिस्तान वार्ता पर अमेरिका के प्रतिनिधि जाल्मी खलीलजाद ने हाल ही में भारत की यात्रा की थी। उसके बाद अफगानिस्तान के दो राजनीतिक हस्तियों अशरफ गनी और अबदुल्लाह अबदुल्लाह के बीच गठबंधन होने से भी थोड़ा परेशान हुआ है। ये दोनो नेता भारत के करीबी माने जाते हैं। भारत लगातार यह कोशिश कर रहा है कि जो भी शांति वार्ता हो उसमें अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए दलों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले।