शिवसेना ने भाजपा की हार के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि मोदी यदि प्रचार में नहीं उतरते तो हार के लिए स्थानीय नेतृत्व तथा अंदरूनी टिकट घोटाला जिम्मेदार होता।
मुंबई,जेएनएन। हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के लिए शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया है।शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि मोदी यदि प्रचार में नहीं उतरते तो हार के लिए स्थानीय नेतृत्व तथा अंदरूनी टिकट घोटाला जिम्मेदार होता। मगर प्रधानमंत्री खुद तो चुनाव प्रचार में उतरे ही पूरे मंत्रिमंडल को भी दमखम के साथ उतार दिया।
यही नहीं, संपादकीय में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ भी की गई है। कहा गया है कि राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसे महात्मा गांधी के कांग्रेस की बर्खास्तगी का सपना पूरा होने जैसा बताया था। कांग्रेसमुक्त भारत का नारा दे-देकर उनका गला सूख गया था। राहुल ने इन्हें इनके घर में घुसकर मारा। जो कांग्रेस को श्रद्धांजलि देते नहीं थकते थे, वे अचानक गूंगे-बहरे हो गए हैं।
संपादकीय के अनुसार, 'प्रधानमंत्री ने अब कहा है कि हार-जीत जिंदगी का हिस्सा है। भाजपा इस जनादेश को विनम्रता से स्वीकार कर रही है। जीत के साथ हार को भी स्वीकार करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है।' शिवसेना के अनुसार, 'यही संस्कृति और विनम्रता 2014 के बाद देश से नष्ट हो गई थी।'
आलोचना की इस कड़ी में भाजपा द्वारा सहयोगी दलों की उपेक्षा का दर्द भी छलका। संपादकीय कहता है कि जब राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री का आलिंगन किया, तो उनके चेहरे पर 'यह क्या जबर्दस्ती है' वाले भाव थे। 'कौन राहुल गांधी' ऐसा उन्हें लगा। कौन गांधी, कौन बादल, कौन ठाकरे, कौन जनता? सब कुछ मैं और मैं ही हूं। इस मैं का पराभव शक्तिमान जनता ने किया है।
बता दें कि सामना के संपादक खुद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे हैं। इसलिए इसके संपादकीय में छपे विचार उनके ही माने जाते हैं।