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शिवराज सिंह चौहान के इस कार्यकाल का तीसरा कैबिनेट विस्तार तीन जनवरी को, सिंधिया समर्थकों को भी मिलेगी जगह

शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार तीन जनवरी को होगा।राजभवन में दोपहर 12.30 बजे नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। मुख्‍यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान का यह तीसरा कार्यकाल है और इस कार्यकाल में तीसरी बार मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 03:45 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 04:21 PM (IST)
शिवराज सिंह चौहान के इस कार्यकाल का तीसरा कैबिनेट विस्तार तीन जनवरी को, सिंधिया समर्थकों को भी मिलेगी जगह
शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार तीन जनवरी को होगा।

भोपाल, पीटीआइ। शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल (Shivraj Singh Chouhan cabinet) का विस्तार तीन जनवरी को होगा। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, राजभवन में दोपहर 12.30 बजे नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। मुख्‍यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान का यह तीसरा कार्यकाल है और इस कार्यकाल में तीसरी बार मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक का शपथ ग्रहण समारोह भी संभव है। 

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उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) जो मध्‍य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार संभाल रही हैं... वह नए मंत्रियों और मुख्य न्यायाधीश मोहम्‍मद रफीक (Mohammad Rafiq) को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। मौजूदा वक्‍त में मोहम्‍मद रफीक (Mohammad Rafiq) ओडिशा हाईकोर्ट (Orissa High Court) के मुख्‍य न्‍याधीश हैं। बीते 31 दिसंबर को मोहम्‍मद रफीक का तबादला इसी पद पर मध्‍य प्रदेश हाईकोर्ट में हुआ था।

बीते तीन नवंबर को 28 सीटों पर आए उपचुनाव के नतीजों के बाद से ही कैबिनेट विस्तार की चर्चा जोर पकड़ने लगी थी। इस उपचुनाव में भाजपा ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि विपक्षी कांग्रेस को नौ सीटें हासिल हुई थीं। इसके साथ 230 सदस्‍यीय सदन में भाजपा 126 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। कांग्रेस कुल 96 सीटों के साथ मुख्‍य विपक्षी पार्टी है। सत्तारूढ़ भाजपा के 19 विजेताओं में से 15 लोग ऐसे थे जिन्होंने वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी और बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत शिवराज कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। सिलावत और राजपूत पहले मंत्रिमंडल में थे और उपचुनावों में तकनीकी आधार पर इस्तीफा देने को मजबूर हुए थे क्योंकि छह महीने के भीतर राज्य विधानसभा के लिए चुना जाना अनिवार्य है। तीन तत्‍कालीन मंत्री एदल सिंह कंसाना, इमरती देवी और गिरराज दंडोतिया उपचुनाव हार गए थे। इस वजह से उन्हें मंत्रिमंडल छोड़ना पड़ा था।


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