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शिवराज चौहान बोले, रात को तब सोता हूं; जब कोरोना के लिए सुबह की बना लेता हूं योजना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना में सबसे जरूरी ऑक्सीजन है और इसके उत्पादन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 30 सितंबर तक मध्य प्रदेश की 150 टन ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता हो जाएगी ।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 09:55 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 09:55 PM (IST)
शिवराज चौहान बोले, रात को तब सोता हूं; जब कोरोना के लिए सुबह की बना लेता हूं योजना
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की फाइल फोटो

भोपाल, राज्य ब्यूरो। विधानसभा के विशेष सत्र में सोमवार को कोरोना संक्रमण पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चिंता जताई और कहा कि रात को तब सोता हूं, जब कोरोना के लिए सुबह की योजना बना लेता हूं। वे बोले कि पक्ष-विपक्ष को मिलकर महामारी के संक्रमण के इस दौर से बाहर निकलने और सावधानियों के बारे में सोचने की जरूरत है।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना में सबसे जरूरी ऑक्सीजन है और इसके उत्पादन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 30 सितंबर तक मध्य प्रदेश की 150 टन ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता हो जाएगी। इसके अलावा भारत सरकार से भी रोजाना 50 टन अतिरिक्त ऑक्सीजन प्राप्त हो रही है। बाबई के मुहासा में एक कंपनी ने ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट शुरू करने में रचि दिखाई है। महाराष्ट्र द्वारा ऑक्सीजन सप्लाई रोकने पर सीएम से चर्चा की थी और भिलाई स्टील प्लांट से भी ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई। भारत सरकार से भी इसमें मदद मिल रही है।

उपलब्धि नहीं, मगर दूसरे राज्यों से बेहतर स्थिति

शिवराज चौहान ने कहा कि यह कोई उपलब्धि नहीं, लेकिन उल्लेख करने वाली बात है कि मध्य प्रदेश में दूसरे राज्यों से कोरोना संक्रमण की बेहतर स्थिति है। यहां आज की स्थिति में एक लाख आठ हजार 167 प्रकरण हैं, जिनमें से 77 फीसद (83618) मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जब सत्ता संभाली थी, उस समय राज्य में कोरोना जांच के लिए केवल तीन लैब थीं, जो आज 78 हो गई हैं। टेस्टिंग क्षमता 29780 रोजाना की है और आज की स्थिति में 22160 जांच हो रही हैं। पहले कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया था कि किससे किसको संक्रमण बढ़ा और 751 फीवर क्लीनिक बनाए। पहले पीपीई किट नहीं थीं, वेंटीलेटर्स, मास्क, टेस्टिंग किट की समस्या से हम दो-चार हुए।

संक्रमण को देखते हुए बिस्तरों की संख्या कम

मुख्यमंत्री ने माना कि संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या कम है, इसलिए बिस्तर की क्षमता को बढ़ाने की कोशिश की और आज सामान्य बिस्तर 2428 से बढ़कर 24650 हो गए हैं। ऑक्सीजनयुक्त सामान्य बिस्तर की संख्या 5983 से बढ़ाकर 7000 की है। इसी तरह आइसीयू बिस्तर भी 537 से बढ़ाकर 681 किए हैं। अब आइसोलेशन बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।


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