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शिवराज कैबिनेट की बैठक आज, मप्र में भी बनेगा आधार एक्ट

दो साल पहले राज्य सरकार द्वारा खरीदी गई प्याज के भंडारण और छंटाई के भुगतान का विवादित मामला अब एक बार फिर कैबिनेट पहुंचा है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 10:34 AM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 10:34 AM (IST)
शिवराज कैबिनेट की बैठक आज, मप्र में भी बनेगा आधार एक्ट
शिवराज कैबिनेट की बैठक आज, मप्र में भी बनेगा आधार एक्ट

भोपाल (नईदुनिया)। दो साल पहले राज्य सरकार द्वारा खरीदी गई प्याज के भंडारण और छंटाई के भुगतान का विवादित मामला अब एक बार फिर कैबिनेट पहुंचा है। मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में इस पर फिर विचार किया जाएगा। करीब सात महीने पहले कैबिनेट इस प्रस्ताव को वापस लौटा चुकी है। वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन ने 2016 में खरीदी गई 10 लाख क्विंटल प्याज के भंडारण लिए 14 करोड़ रुपये और छंटाई के लिए 10 करोड़ रुपये राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) से मांगे थे।

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इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जो प्याज वेयर हाउस में रखी गई, उसमें से 72 प्रतिशत प्याज तो खराब हो गई। ऐसे में इसकी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। वहीं मार्कफेड के प्रशासकीय विभाग सहकारिता विभाग ने कहा कि वेयर हाउस कॉरपोरेशन ने गेहूं की तुलना में भंडारण की दस गुना कीमत मांगी है। इसे 3.6 गुना कर 5 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए। इस पर मार्कफेड ने वित्त विभाग को प्रस्ताव दिया कि वेयर हाउसिंग को 14 करोड़ रुपये का भंडारण शुल्क पूरा दे दिया जाए और जिन जिलों में छंटनी के बाद भी 75 प्रतिशत या ज्यादा प्याज खराब हो गई, वहां छंटनी व्यय को शून्य मानकर अन्य जिलों का भुगतान कर दिया जाए। वित्त विभाग इस पर भी सहमत नहीं हुआ और मामला फिर कैबिनेट में लाया जा रहा है। इसके अलावा मंगलवार को करीब 28 मुद्दों पर चर्चा होगी।

आईटी नीति : 300 करोड़ रुपये तक दे सकेंगे अनुदान

कैबिनेट बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी नीति में संशोधन करने का प्रस्ताव भी आएगा। विकास व उत्पादन करने के लिए शोध कार्य से संबधित निवेशकों को भी नीति के तहत अनुदान दिया जाएगा। नई नीति में 300 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। मप्र में बनेगा आधार एक्ट केंद्र सरकार के निर्देश के बाद मप्र सरकार की अंश पूंजी से प्रदेश के लोगों के खाते में सब्सिडी पहुंचाने के लिए मप्र आधार एक्ट लाया जाएगा। इस एक्ट में प्रावधान है कि पहचान स्थापित करने के लिए आधार नंबर लिया जाएगा, यदि किसी के पास आधार नंबर नहीं है तो अन्य पहचान पत्र के जरिए काम चलाया जाएगा।


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