शिवसेना का मोदी सरकार पर तंज, अमेरिका-फ्रांस क्या करेंगे, लड़ना तो हमें ही पड़ेगा!
सोशल मीडिया पर युद्ध रोककर कड़े कदम उठाने चाहिए। अमेरिका-यूरोप की ओर न देखते हुए अपने युद्ध को खुद लड़ने में वीरता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। शिवसेना ने मोदी सरकार पर कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर तंज कसा है। पुलवामा हमले को लेकर सोशल मीडिया पर लड़ी जा रही जंग को रोककर पाकिस्तान को करारा जवाब देने की सलाह शिवसेना ने सामना के संपादकीय में दी है। शिवसेना का कहना है कि अमेरिका-फ्रांस क्या करेंगे, लड़ना तो हमें ही पड़ेगा।
सामना के आज के संपादकीय में लिखा है, 'पुलवामा हमले के बाद फिलहाल पाकिस्तान को सबक सिखानेवाली जोरदार बातें हर स्तर पर चल रही हैं। विशेषकर सोशल मीडिया पर इस तरह के संदेश खूब प्रसारित हो रहे हैं। हालांकि उसका उतना ही मजाक भी बनाया जा रहा है। यह मामला 'हाऊ इज द जोश' जैसा है। हिंदुस्तान और पाकिस्तान का युद्ध इस समय सोशल मीडिया पर खेला जा रहा है। यह युद्ध भाजपा-मोदी बनाम अन्य का है। यह युद्ध प्रचार की धुआंधार शुरुआत है। पुलवामा हमला और बलिदान इस प्रचार का हिस्सा न बनने पाए।'
आगे लिखा है, 'पाकिस्तान को सबक सिखाने की जोरदार बातें चल रही हैं। सबक सिखाओं, तब बोलो। पठानकोट, उरी और अब पुलवामा जैसे लगातार तीन हमलों के बावजूद हम सिर्फ धममियां ही दे रहे हैं। हमारी ओर से डोनाल्ड ट्रंप क्या बोलते हैं? फ्रांस का क्या कहना है? इरान जैसे देश ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई, जिससे हिंदुस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक सहारा मिला, इस प्रकार हम अपनी ही पीठ थपथपा रहे हैं। श्रीलंका ने लिट्टे जैसे खतरनाक आतंकी संगठन को नेस्तनाबूद करके देश को आतंकवाद मुक्त किया, जिससे दुनिया ने उसकी पीठ थपथपाई। अमेरिका ने लादेन को पाकिस्तान में घुस कर मारा तब दुनिया ने उनकी हिम्मत की दाद दी। यहां हम बिना कुछ किए ही अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।'
सामना में लिखा गया, 'हिंदुस्तान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई संयुक्त पत्रकार परिषद में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने आतंकवाद के मुद्दे पर चिंता आदि व्यक्त की ओर कहा कि हम हर प्रकार से हिंदुस्तान के साथ हैं, लेकिन पुलवामा हमले पर कुछ सीधे कहने से और स्पष्ट प्रतिक्रिया देने से बचते रहे। अब दुनिया का क्या होगा? अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों द्वारा पुलवामा हमले का निषेध व्यक्त करना अलग बात है आक्र कश्मीर हिंदुस्तान का ही हिस्सा है, ऐसा वैश्विक मंच से बोलना अलग बात है। इसलिए सोशल मीडिया पर युद्ध रोककर कड़े कदम उठाने चाहिए। अमेरिका-यूरोप की ओर न देखते हुए अपने युद्ध को खुद लड़ने में वीरता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं- मेरा मन भी संताप से जल उठा है। इस जलते संताप की आंच पाकिस्तान में भड़कती हुई दिखाइए।'
गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। यह हमला CRPF के काफिले पर हुआ। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में पल-बढ़ रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली है। यह हमला उस वक्त हुआ, जब सीआरपीएफ के ज्यादातर जवान अपनी छुट्टिया खत्म कर वापस श्रीनगर ड्यूटी पर लौट रहे थे। आदिल अहमद डार नाम के आत्मघाती हमलावर ने इस हमले को अंजाम दिया, जिसने विस्फोटक से भरी कार ले जाकर सीआरपीएफ के काफिले से भिड़ा दी थी।