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पीएम हाउस को राष्‍ट्रपति भवन के करीब शिफ्ट किया जाए, इस एजेंसी ने दी सलाह

पीएम कार्यालय के लिए एक अलग भवन सांसदों के लिए एक नया कार्यालय परिसर और संभवत एक नया संसद भवन जिसमें भारतीय लोकतंत्र को प्रदर्शित करने के लिए एक संग्रहालय भी होगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 05:49 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 05:49 PM (IST)
पीएम हाउस को राष्‍ट्रपति भवन के करीब शिफ्ट किया जाए, इस एजेंसी ने दी सलाह
पीएम हाउस को राष्‍ट्रपति भवन के करीब शिफ्ट किया जाए, इस एजेंसी ने दी सलाह

नई दिल्‍ली, एजेंसी। सेंट्रल विस्टा आर्किटेक्ट के अर्न्‍तगत भारत के प्रमुख राजनीतिक शक्ति केंद्रों को पुर्नगठित करने की योजना है। इसमें प्रधानमंत्री आवास को राष्ट्रपति भवन के करीब ले जाने की सिफारिश की गई। इसके अर्न्‍तगत पीएम कार्यालय के लिए एक अलग भवन, सांसदों के लिए एक नया कार्यालय परिसर और संभवत: एक नया संसद भवन जिसमें भारतीय लोकतंत्र को प्रदर्शित करने के लिए एक संग्रहालय भी होगा। यह पुनर्गठन 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। 12,000 करोड़ रुपये (अनुमानित लागत) की परियोजना के प्रस्ताव में शास्त्री भवन, उद्योग भवन और कृषि भवन जैसे एक दर्जन सरकारी कार्यालयों की जगह एक आम सचिवालय बनाया जाएगा, जिसमें लगभग 70,000 केंद्रीय सरकारी कर्मचारी काम करेंगे और वर्तमान के 30 भवनों में  चल रहे विभिन्‍न मंत्रालय एक साथ काम करेंगे। 

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अहमदाबाद की फर्म ने लगाई है बोली

अहमदाबाद स्थित एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत वॉकथ्रू वीडियो प्रस्ताव की समीक्षा की गई, जिसकी योजना पिछले सप्ताह प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से पांच सदस्यीय जूरी ने स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के निदेशक की अध्यक्षता में चुनी गई थी।

सेंट्रल विस्टा, जिसे राजपथ के रूप में भी जाना जाता है, राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक विजय चौक और इसके प्रतिष्ठित सरकारी भवनों के माध्यम से चार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। राजपथ का निर्माण 1911 और 1931 के बीच आर्किटेक्ट एडविन लेन्स और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था।

कई फर्मों को किया गया आमंत्रित

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि सरकार सभी अन्य फर्मों से कई परामर्श और इनपुट को शामिल करेगी (जिन्हें शॉर्टलिस्ट किया गया था, लेकिन उन्हें अॅवार्ड नहीं किया गया)। फिर परियोजना के लिए मास्टर प्लान को अंतिम रूप देना यह दर्शाता है यदि आवश्यक हो तो वर्तमान योजना में कुछ बदलाव किया जा सकता है। पुरी के मंत्रालय ने पिछले सोमवार को अपने प्रस्तावों की समीक्षा के लिए तकनीकी दौर में शॉर्टलिस्ट की गई अन्य फर्मों को भी आमंत्रित किया था।

मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि शहरी सचिवों द्वारा अन्य फर्मों के प्रस्तावों की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई गई थी क्योंकि उन्होंने अभी तक उनके प्रस्तावों को नहीं देखा है। अंतिम प्रस्ताव में योगदान देने के लिए मंत्रालय द्वारा आमंत्रित किए जा रहे फर्मों में से एक का प्रतिनिधि भी पुष्टि करता है। अंतिम मास्टर प्लान तैयार होने के बाद केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) पात्र ठेकेदारों को निर्माण कार्य सौंपेगा।

पुराने संसद भवन को ध्‍वस्‍त नहीं किया जाएगा

पुरी ने स्पष्ट किया कि मौजूदा संसद परिसर, जिसे 1927 में पूरा किया गया था, को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। परिसर के भीतर खाली भूमि पर नई संरचनाएं बनाई जा सकती हैं और समकालीन आवश्यकताओं के अनुरूप नवीनीकरण किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने सेंट्रल वीजा प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नवंबर 2021 की समय सीमा तय की है। संसद परिसर का काम मार्च 2022 तक और आम केंद्रीय सचिवालय का काम मार्च 2024 तक पूरा होना है।

एचसीपी डिजाइन (HCP Design) ने इससे पहले नई दिल्ली में भाजपा के नए मुख्यालय और अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट को डिजाइन किया है। गुजरात का फर्म वाराणसी में प्रस्तावित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए भी मुख्य वास्तुकार है। एचसीपी उन छह कंपनियों के बीच परियोजना को चलाने के लिए सबसे आगे थी, जिन्होंने बोलियां प्रस्तुत की थीं।  


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