नेहरू और इंदिरा की लोकप्रियता दिखाने के चक्कर में फंसे थरूर, Twitter पर कर बैठे बड़ी गलती
अपने ट्वीट्स को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर सोमवार को हाउडी मोदी इवेंट की तुलना पंडित जवाहर लाल नेहरू के स्वागत से करके ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए
नई दिल्ली, एजेंसी। अपने ट्वीट्स को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर सोमवार को 'हाउडी मोदी' इवेंट की तुलना पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के स्वागत से करके ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए। दरअसल, थरूर ने एक तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा कि साल 1954 में पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी का बिना विशेष जनसंपर्क अभियान और भीड़ प्रबंधन के इस तरह जोरदार स्वागत हुआ था। इस पोस्ट के सामने आते ही थरूर टि्वटर पर ट्रोल होने लगे। काफी देर बाद उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने सफाई दी कि यह तस्वीर अमेरिका की नहीं, बल्कि सोवियत संघ दौरे की है।
अपने पहले ट्वीट में थरूर ने नेहरू और इंदिरा की एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा, 'जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी वर्ष 1954 में अमेरिका में थे। आप देख सकते हैं कि अमेरिकी जनता बिना किसी विशेष जनसंपर्क अभियान, भीड़ प्रबंधन या बढ़ा-चढ़ाकर किए जा रहे प्रचार के स्वत: बड़ी संख्या में इन दोनों नेताओं को देखने के लिए उमड़ पड़ी थी। थरूर के इस ट्वीट के बाद तो प्रतिक्रियाओं की भरमार हो गई और वे ट्रोल होने लगे।
हालांकि, काफी देर बाद कांग्रेस नेता को अपनी गलती का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने दोबारा ट्वीट किया, 'मुझको बताया गया है कि यह तस्वीर संभवत: सोवियत संघ दौरे की है न कि अमेरिका दौरे की। यदि ऐसा है तो भी इससे संदेश बदल नहीं जाते हैं। यह भी हकीकत है कि पूर्व प्रधानमंत्री भी विदेशों में लोकप्रिय रहे हैं। जब नरेंद्र मोदी को विदेशों में सम्मानित किया जाता है तो एक भारतीय प्रधानमंत्री सम्मानित होता है, यह सम्मान भारत के लिए है।' थरूर ने यह भी कहा कि उक्त तस्वीर उन्हें किसी ने फॉरवर्ड की थी।