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राफेल पर पवार ने निकाली कांग्रेस के दावों की हवा, कहा- मोदी के इरादों पर शक नहीं

देश के पूर्व रक्षा मंत्री रहे शरद पवार ने मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में राफेल सौदे की जानकारी को लेकर कांग्रेस की मांग पर सवाल उठाए।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 12:14 PM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 12:21 PM (IST)
राफेल पर पवार ने निकाली कांग्रेस के दावों की हवा, कहा- मोदी के इरादों पर शक नहीं
राफेल पर पवार ने निकाली कांग्रेस के दावों की हवा, कहा- मोदी के इरादों पर शक नहीं

मुंबई, पीटीआई। राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर लगातार हमला कर रही है। खुद कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी भी पीएम मोदी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में यूपीए की सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने राफेल को लेकर कांग्रेस के दावों की हवा निकाल दी है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि पीएम मोदी के इरादों पर शक नहीं किया जा सकता है। 

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देश के पूर्व रक्षा मंत्री रहे शरद पवार ने मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में राफेल सौदे की जानकारी को लेकर कांग्रेस की मांग पर सवाल उठाए। पवार ने कहा कि कांग्रेस की मांगों का कोई औचित्य नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि फाइटर प्लेन की कीमतों का खुलासा करने से सरकार को कोई खतरा नहीं होता। उन्होंने कहा 'निजी तौर पर मुझे लगता है कि लोगों को पीएम मोदी के इरादों पर कोई शंका नहीं है।'

हालांकि, उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस तरह से मामले को लेकर सरकार के पक्ष को रखा, उससे लोगों के मन में दुविधा की स्थिति पैदा हुई है। जबकि, अब वित्त मंत्री अरुण जेटली रक्षा मंत्री की जगह इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रख रहे हैं।

गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल जहाज खरीदने का समझौता साल 2016 में हुआ था। उस वक्त मैक्रों नहीं बल्कि फ्रांस्वा ओलांद सत्तासीन थे। ओलांद ने कुछ दिन पहले फ्रांस मीडिया को दिए एक बयान में ये कहकर भारत सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी थीं कि इस डील के ऑफसेट पार्टनर के रूप में उन्होंने रिलायंस को नहीं चुना बल्कि भारत सरकार की ओर से नाम आगे बढ़ाया गया। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि रिलायंस और दासौ के बीच के समझौते पर दासौ ही कुछ बता सकती है।

डील के वक्त मैं सत्ता में नहीं था : मैक्रों
राफेल सौदे पर भारत में चल रहे विवाद के बीच फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इससे किनारा कर लिया है। मैक्रों ने कहा कि जिस वक्त भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील हुई वे सत्ता में नहीं थे। संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली से इतर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मैक्रों ने कहा, 'यह दो देशों की सरकार के बीच का सौदा था। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कुछ दिन पहले कही गई बात को ही दोहराऊंगा। मैं उस वक्त सत्ता में भी नहीं था। मैं जानता हूं कि हमारे यहां बड़े ही स्पष्ट नियम हैं।'


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