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शाह ने महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- सत्ता के लिए विरोधी विचारों वाले दल साथ आए हैं

भाजपा अध्यक्ष शाह ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों की वोट बैंक की राजनीति के चलते अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मामला इतने वर्षो तकलटका रहा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 02:41 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 02:41 AM (IST)
शाह ने महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- सत्ता के लिए विरोधी विचारों वाले दल साथ आए हैं
शाह ने महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- सत्ता के लिए विरोधी विचारों वाले दल साथ आए हैं

नई दिल्ली, प्रेट्र। महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार पर गृह मंत्री अमित शाह ने निशाना साधा है। शाह ने कहा है कि धुर विरोधी विचारधारा वाले इन तीन दलों ने सिर्फ सत्ता हथियाने के लिए हाथ मिलाए हैं और महाराष्ट्र की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान किया है।

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यहां बुधवार को टीवी के एक कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने राज्य में स्थिर सरकार के लिए चुनाव पूर्व बने भाजपा-शिवसेना गठबंधन के पक्ष में जनादेश दिया था। लेकिन भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए नैतिकता और सिद्धांतों को ताक पर रख दिया गया। शाह ने कहा कि जनादेश का अपमान शिवसेना ने किया है, भाजपा ने नहीं।

शाह ने पूछा, 'मुख्यमंत्री पद देकर समर्थन लेना, क्या हार्स ट्रेडिंग नहीं है। मैं फिर सोनिया गांधी और शरद पवार से कह रहा हूं कि मुख्यमंत्री पद पर दावा कर शिवसेना का समर्थन लेकर दिखाएं।'

गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा पर हार्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन यहां तो राकांपा और कांग्रेस गठबंधन ने मुख्यमंत्री पद देकर पूरा अस्तबल ही चुरा लिया है।

शिवसेना को मुख्यमंत्री पद का कभी आश्वासन नहीं दिया

अमित शाह ने कहा, 'मैं एक बार फिर यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमने कभी शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने का आश्वासन नहीं दिया था। यहां तक कि चुनाव के दौरान जिस मंच पर उद्धव और आदित्य ठाकरे भी थे, वहां से भी हमने यही कहा कि देवेंद्र फड़नवीस मुख्यमंत्री होंगे। तब उन्होंने इसका विरोध क्यों नहीं किया?' उन्होंने कहा कि शिवसेना के सभी विधायक भाजपा के साथ लड़कर चुनाव जीते। शिवसेना के हर प्रत्याशी ने अपने क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी के बड़े-बड़े पोस्टर और कटआउट लगाए थे।

अनुच्छेद 370 के बाद कश्मीर में पथराव में कमी आई

जम्मू-कश्मीर पर अमित शाह ने कहा कि राज्य से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद सुरक्षा बलों पर पथराव की घटना में 40-45 फीसद की कमी आई है। उन्होंने कहा कि 370 के प्रावधानों को खत्म करने में 70 साल लग गए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे करने का संकल्प लिया था। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किए बिना जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को हराना मुश्किल था।

पाक आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करे

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र के युवाओं के हाथों में हथियार थमाता है। वह आतंकवाद को बढ़ावा देता है। भारत की प्रतिक्रिया पाकिस्तान से तय होती है, अगर वह शांति चाहता है तो उसे आतंकवाद को खत्म करना होगा।

कश्मीर से अतिरिक्त बल वापस गए

शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों की संख्या आज भी उतनी ही है जितनी यह 1990 से रही है। वहां तैनात अतिरिक्त बलों को हटा लिया गया है।

देश में अवैध प्रवासियों के लिए कोई जगह नहीं

अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) का समर्थन किया। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोई और देश अपने यहां अवैध प्रवासियों को बसने नहीं देगा। भारत में भी किसी अवैध प्रवासी के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि सीएबी की तरह ही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) भी बहुत महत्वपूर्ण है।

वोट बैंक के चलते लटका रहा राम मंदिर मुद्दा

भाजपा अध्यक्ष शाह ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों की वोट बैंक की राजनीति के चलते अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मामला इतने वर्षो तकलटका रहा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आस्था नहीं तथ्यों के आधार पर इस मामले में निष्पक्ष फैसला दिया है। फैसले का मुस्लिमों समेत सभी वर्गो ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेगी और उस पर अमल करने के लिए निर्धारित 90 दिन से एक दिन भी ज्यादा नहीं मांगेगी।

सबरीमाला मामला राम मंदिर से अलग

अमित शाह ने कहा कि सबरीमाला मंदिर का मामला राम मंदिर मामले से अलग है। सबरीमाला का मामला आस्था, विश्वास और मंदिर में पूजा करने को लेकर है, जबकि राम मंदिर जमीन पर मालिकाना हक के विवाद का था।


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