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Modi Xi Jinping Meet: तस्वीरों के जरिए देखें, भारत-चीन के प्राचीन संबंधों को नया आयाम

PM Modi ने चीनी राष्ट्रपति Xi Jinping को स्वयं ही नारियल पानी पेश किया। ऐतिहासिक स्थलों की छोटी-छोटी जानकारी और चीन से जुड़े उसके प्रकरण के बारे में बताते रहे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 11:08 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 07:04 AM (IST)
Modi Xi Jinping Meet: तस्वीरों के जरिए देखें, भारत-चीन के प्राचीन संबंधों को नया आयाम
Modi Xi Jinping Meet: तस्वीरों के जरिए देखें, भारत-चीन के प्राचीन संबंधों को नया आयाम

मामल्लापुरम, प्रेट्र। मामल्लपुरम (महाबलीपुरम) में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) का शानदार स्वागत हुआ। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और चिनफिंग (Jinping) ने पल्लवों की शिल्प नगरी रहे और यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल मामल्लपुरम के स्मारकों का दीदार किया।

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इस तरह दोनों देशों के प्राचीन संबंधों को भी नया आयाम प्रदान किया गया। सातवीं शताब्दी में चीनी यात्री हेनसांग ने पल्लवों की राजधानी कांचीपुरम का भ्रमण किया था। पल्लव महाबलीपुरम को दूसरी राजधानी की तरह महत्व दिया करते थे। इस शहर से ही चीन में बौद्ध धर्म के विस्तार की शुरुआत हुई थी। यह शहर चीन के कारोबार का एक बड़ा केंद्र था। 

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफ‍िंग चेन्नई के प्राचीन शहर (महाबलीपुरम) मामल्लापुरम पहुंचे। जहां पूरा महाबलीपुरम पारंपरिक तरीके से सजा हुआ था। पीएम मोदी भी इस माहौल में पूरी तरह से रंगे नजर आ रहे थे। पीएम मोदी ने तमिल की पारंपरिक पोशाक 'वेश्टी' और आधी आस्तीन की सफेद शर्ट पहनी हुई थी। तो दूसरी तरफ शी चिनफिंग ने काली पैन्ट के साथ एक सफेद रंग की पूरी आस्तीन की शर्ट में नजर आए।

 

पल्लवकालीन स्थलों के भ्रमण के दौरान मोदी और चिनफिंग के बीच संबंधों की बेहतरीन केमिस्ट्री नजर आई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को 'कृष्ण का माखन लड्डू' दिखाया।  इस अनोखे गोल पत्थर की ऊंचाई 6 मीटर और चौड़ाई करीब 5 मीटर है।  इसका वजन 250 टन है। इस अनोखे गोल पत्थर को श्री कृष्ण के 'माखन लड्डू' के नाम से भी जाना जाता है।

चिनफिंग ने मोदी के साथ अर्जुन की तपस्या स्थल का भी दीदार किया। इस दौरान पीएम मोदी लगातार चिनफिंग को तपस्या स्थल से जुड़ी जानकारी साझा करते रहे।

इस दौरान मोदी और चिनफिंग ‘शोर मंदिर’ यानि समुद्र तट का मंदिर भी पहुंचे। मोदी, चिनफिंग को इन धरोहरों की महत्ता से भी अवगत कराते नजर आए।

मामल्लपुरम के स्मारकों के भ्रमण के दौरान मोदी और चिनफिंग ने नारियल पानी का भी लुत्फ उठाया। ऐतिहासिक स्थलों की छोटी छोटी जानकारी और चीन से जु़डे उसके प्रकरण के बारे में बताते रहे, किसी प्रोफेशनल गाइड की मदद नहीं ली गई। चिनफिंग भारतीय धरोहरों का दीदार कर अभिभूत दिखे। 

गौरतलब है कि दोनों ही शीर्ष नेताओं के बीच एक ऐसी पर्सनल केमिस्ट्री बन चुकी है जो शायद अभी दुनिया के किसी और देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच देखने को नहीं है। पीएम मोदी चिनफिंग की इस तरह की मुलाकात को लेकर कई जानकार यह मान रहे हैं कि इस बार भी दोनों नेता अपनी केमिस्ट्री व सूझ-बूझ से रिश्तों की गाड़ी को फिर से पटरी पर ले आएंगे।

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