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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फिर दोहराया अपना संकल्प, पीएम मोदी को कहा चाचा

कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अब नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स लगाकर छोटे से लेकर बड़े व्यापारी तक के कारोबार को चौपट करने वाले चाचा को हटाना है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 09:03 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 11:32 AM (IST)
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फिर दोहराया अपना संकल्प, पीएम मोदी को कहा चाचा
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फिर दोहराया अपना संकल्प, पीएम मोदी को कहा चाचा

ग्वालियर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि मंदसौर में किसानों पर गोलियां बरसाई गई। तब मैंने संकल्प लिया था कि जब तक प्रदेश से भाजपा सरकार को नहीं उखाड़ फेकूंगा तब तक फूलों की माला नहीं पहनूंगा। जनता ने ताकत दी और मामा को हटाकर मेरा संकल्प पूरा कर दिया। अब नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स लगाकर छोटे से लेकर बड़े व्यापारी तक के कारोबार को चौपट करने वाले चाचा को हटाना है।

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योगी-मोदी को सबक सिखाने यूपी भेजा सिंधिया सोमवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में धन्यवाद सभाओं को संबोधित कर रहे थे। यहां विधानसभा चुनाव में शहर की तीनों सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी-योगी को सबक सिखाने यूपी भेजा है। इसलिए लोकसभा चुनाव के दौरान आप लोगों के बीच कम रह पाऊंगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा को प्रदेश से भगाने के बाद अब मोदी को हटाना होगा। सिंधिया ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता में लाकर हर वर्ग को न्याय का रास्ता साफ कर दिया गया है। सिंधिया प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी का हालचाल जानने एक निजी अस्पताल पहुंचे। मंत्री इमरती देवी इन दिनों अस्वस्थ हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई। 2014 के चुनावी नतीजों को देखें तो महज दो सीटों पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस के सामने बहुत बड़ी चुनौती है। ऐसे में ये जानना और समझना जरूरी है कि क्या प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया उत्तर प्रदेश में किसी तरह का करिश्मा दिखा पाएंगे।

अगर 2014 के चुनावी नतीजों को देखें तो पीएम नरेंद्र मोदी की आंधी में कांग्रेस उड़ गई थी। कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली सीट पर जीत जरूर हासिल हुई। लेकिन मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ऐसे में ये सवाल है कि क्या कद्दावर चेहरों के जरिए पार्टी 2019 के चुनाव में कुछ खास प्रदर्शन दिखा पाएगी। अगर जमीनी स्तर पर कांग्रेस के संगठन को देखें तो वो करीब करीब मृत सा है। कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करने के लिए इन दोनों नेताओं को कड़ी मेहनत करनी होगी।


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