बढ़ी कार्ति चिदंबरम की मुश्किलें, आयकर विभाग की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने कालेधन मामले में आयकर विभाग द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्ति चिदंबरम को नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। चिदंबरम परिवार के खिलाफ ब्लैक मनी कानून के तहत मामला निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली आयकर विभाग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है। मद्रास हाई कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक अभियोजन को रद कर दिया था। शीर्ष कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने चिदंबरम की पत्नी नलिनी और बेटे कार्ति को नोटिस जारी किया है। कार्ति तमिलनाडु के शिवगंगा से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। पीठ ने कार्ति की पत्नी श्रीनिधि से भी जवाब मांगा है। तीनों के खिलाफ आयकर विभाग ने ब्लैक मनी एक्ट के तहत आपराधिक अभियोजन शुरू किया था जिसे हाई कोर्ट ने रद कर दिया।
आयकर विभाग की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाई कोर्ट के दो नवंबर 2018 के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ब्लैक मनी से संबंधित आपराधिक मामलों के आरोपितों द्वारा इस आदेश का दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके जवाब में पीठ ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना इस स्तर पर रोक का मतलब आयकर विभाग की अपील को अनुमति देना होगा।
सालिसिटर जनरल ने कहा कि यदि रोक नहीं लगाई गई तो दूसरे हाई कोर्ट ब्लैक मनी कानून के तहत इसी तरह पेश किए गए आरोपितों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया निरस्त कर सकते हैं। उन्होंने आग्रह किया कि हाई कोर्ट के नवंबर के आदेश को उदाहरण के रूप में पेश नहीं किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा कि इसे उदाहरण नहीं माना जा सकता क्योंकि हाई कोर्ट इस तथ्य का गवाह होंगे कि शीर्ष कोर्ट ने मामले को अपने हाथों में ले लिया है। शीर्ष कोर्ट मद्रास हाई कोर्ट के आदेश की छानबीन करेगा।
क्या है मामला
यह मामला तीनों द्वारा कथित विदेशी संपत्ति और बैंक खातों की घोषणा नहीं करने से संबंधित है। आयकर विभाग के अनुसार तीनों ने ब्रिटेन के कैंब्रिज में संयुक्त संपत्ति की घोषणा नहीं की थी। इस संपत्ति की कीमत 5.37 करोड़ रुपये है और घोषणा नहीं करना ब्लैक मनी (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) अधिनियम एवं कराधान अधिनियम के तहत अपराध है।