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दिल्ली के 11 जगहों लिये गये पानी का नमूना फेल, अन्य शहरों में पेयजल पर मानक होगा वैधानिक

प्राथमिक तौर पर भारतीय मानक ब्यूरो ने राजधानी दिल्ली के 11 स्थानों से लिए गये पेयजल के नमूने की जांच की है जो कि प्रदूषित पाये गये हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 10:31 PM (IST)
दिल्ली के 11 जगहों लिये गये पानी का नमूना फेल, अन्य शहरों में पेयजल पर मानक होगा वैधानिक
दिल्ली के 11 जगहों लिये गये पानी का नमूना फेल, अन्य शहरों में पेयजल पर मानक होगा वैधानिक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली समेत देश के चुनिंदा शहरों में पीने के पानी पर भारतीय मानक ब्यूरो के निर्धारित मानक को वैधानिक किया जाएगा। इसे पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से वैधानिक किया जाएगा। लेकिन इसके पहले संबंधित पक्षकारों से जल्दी ही चर्चा शुरू की जाएगी। भारतीय मानक ब्यूरो ने राजधानी दिल्ली के 11 स्थानों से लिए गये पेयजल के नमूने की जांच की, जो प्रदूषित पाये गये।

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केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली राज्यों की राजधानी वाले शहरों के साथ विकसित किये जा रहे एक सौ स्मार्ट सिटी के घरों में नलों पानी की आपूर्ति पर मानक अनिवार्य किया जाएगा।

राज्य सरकारों और शहरी निकायों को लिखा गया पत्र

राजधानी दिल्ली में पेयजल आपूर्ति की गुणवत्ता को लेकर बुलाई बैठक के बाद पासवान ने कहा कि पेयजल की आपूर्ति पर मानक के वैधानिक करने के बाद इसकी अवहेलना दंडात्मक होगी। इस बाबत सभी राज्य सरकारों और शहरी निकायों के प्रमुखों को पत्र लिखा जा रहा है। इस मसले पर विचार-विमर्श के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने माना कि दुनिया के विकसित देशों के मुकाबले भारत में पेयजल के लिए बनाया गया मानक कमतर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पेयजल पर मानक तो बनाया गया है, लेकिन वह बाध्यकारी नहीं है।

सैद्धांतिक सहमति बनाई गई

प्राथमिक तौर पर भारतीय मानक ब्यूरो ने राजधानी दिल्ली के 11 स्थानों से लिए गये पेयजल के नमूने की जांच की, जो प्रदूषित पाये गये। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अधीन भारतीय मानक ब्यूरो उत्पादों व सेवाओं की गुणवत्ता के मानक बनाने वाली राष्ट्रीय संस्था है। पेयजल का मानक भी उसने बनाया है, जो पूरे देश पर लागू होता है। लेकिन वैधानिक होने की वजह से शायद ही कहीं इस पर अमल किया जाता है। पेयजल आपूर्ति से जुड़े विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के साथ हुई बैठक में मानक को वैधानिक बनाने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। पासवान ने बताया कि इस मसले पर सभी राज्यों को पत्र लिखकर उनकी राय मांग ली गई है और जल्दी ही उनकी बैठक भी बुलाई जाएगी।

मानक ब्यूरो की भेजी गई टीम

पासवान ने कहा कि सभी राज्यों की राजधानी वाले शहरों में नलों से आने वाले पानी की जांच के लिए मानक ब्यूरो की टीम भेज दी गई है। सभी की जांच रिपोर्ट आने में एक महीने का समय लग सकता है। नवंबर के पहले सप्ताह में इसकी रिपोर्ट का खुलासा किया जाएगा। उसी समय इन शहरों के पानी की गुणवत्ता के आधार पर रैंकिंग भी की जाएगी। दिल्ली के पानी की जांच रिपोर्ट के आधार पर पासवान ने कहा कि यहां नल से आना वाला पीने लायक नहीं है।

पासवान ने जोर देकर कहा कि कृषि भवन और अपने सरकारी आवास 10 जनपथ में भी पानी की जांच कराई है। बृहस्पतिवार को हुई बैठक में दिल्ली जल बोर्ड, एनडीएमसी, मानक ब्यूरो, जलशक्ति मंत्रालय, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया के अफसरों ने हिस्सा लिया। पासवान ने कहा कि एक बार में पूरे देश में पानी के मानक को वैधानिक नहीं किया जाएगा, लेकिन धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से इसे लागू किया जाएगा।


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