सुब्रमण्यम स्वामी के गो संरक्षण बिल के पक्ष में बोले सपा सांसद जावेद अली
जावेद अली ने गाय के नाम पर राजनीति करने वालों को निशाने लेते हुए कहा कि गाय के साथ बुरा व्यवहार न हो, इसके लिए सरकार को हर संभव कदम उठाने चाहिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। शुक्रवार को राज्यसभा में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्राइवेट मेंबर बिल के तहत गो संरक्षण बिल-2017 पेश किया। बिल पर बहस में कई दलों के सांसद ने भाग लिया। कुछ पक्ष में बोले तो कुछ विरोध में। सबसे खास बात यह रही कि उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान इस बिल के पक्ष में बोलने के लिए खड़े हुए। उन्होंने गाय को उपयोगी प्राणी बताते हुए उसे राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि गाय इतनी उपयोगी है कि उसे पशु नहीं प्राणी कहा जाना चाहिए।
जावेद अली ने गाय के नाम पर राजनीति करने वालों को निशाने लेते हुए कहा कि गाय के साथ बुरा व्यवहार न हो, इसके लिए सरकार को हर संभव कदम उठाने चाहिए। उनके मुताबिक, ऐसी व्यवस्था हो कि गाय के पालन-पोषण को उद्योग का दर्ज दिया जाए और गाय का संरक्षण सरकार करे। उनके अनुसार, गाय हमारी भावनाओं से जुड़ी है इसलिए गाय को मांस व्यापारी तक पहुंचाने वाले को भी सजा देनी चाहिए। हालांकि गाय को सलाम करते हुए जब उन्होंने कहा कि भारत को उन देशों से राजनयिक संबंध तोड़ लेने चाहिए जहां गाय के मांस का भक्षण होता है, तो सत्तापक्ष की ओर से कहा गया कि सांसद इतने गंभीर विषय का मजाक बना रहे हैं। इस पर सदन में विवाद खड़ा हो गया।
इसके बाद भाकपा के डी राजा इस बिल के विरोध में बोले। उन्होंने कहा कि गाय एक पशु है। गाय को नफरत और हिंसा फैलाने का माध्यम बना लिया गया है। गाय के नाम पर उन्माद फैलाया जा रहा है। राजा के मुताबिक, गाय के बहाने दलितों और मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। यह बिल भीड़ की हिंसा को बढ़ावा देगा। गाय और गोमांस के नाम पर देश पहले ही तमाम नुकसान उठा चुका है, इसलिए सदन और सरकार से अपील करता हूं कि इस बिल को खारिज कर दिया जाए। कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने कहा कि हम गो हत्या पर पाबंदी के समर्थक हैं।
गो संरक्षण बिल पर बहस में तेलंगाना के कांग्रेस सांसद आनंद भास्कर भी बोले। उन्होंने देसी गायों के संरक्षण की मांग की। तमिलनाडु से अन्नाद्रमुक सांसद ए. नवनीतकृष्णन ने भी गाय की महत्ता पर अपने विचार रखे। उन्होंने गाय के दूध को सेहत के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि गाय को हर हाल में संरक्षित किया जाना चाहिए। बिल पर करीब दो घंटे बहस हुई।
सरकार की ओर से अपने विचार रखते हुए कृषि एव किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने गाय की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने गाय और अन्य दुधाऊ पशुओं के संरक्षण को लेकर सरकार की ओर से किए जा रहे उपायों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सरकार स्वामी की चिंताओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के साथ उन्होंने उनसे बिल वापस लेने की मांग की।
ध्यान रहे कि प्राइवेट मेंबर बिल मुश्किल से ही आगे बढ़ पाते हैं और कानून का रूप ले पाते हैं। ऐसे इक्का-दुक्का उदाहरण ही हैं जब किसी प्राइवेट मेंबर बिल ने कानून का रूप लिया हो। सबसे अंत में स्वामी फिर से बोले और कहा कि एक समय कांग्रेस के नेता गो संरक्षण की बात करते थे, लेकिन आज पता नहीं उन्हें क्या हो गया है? उन्होंने कहा कि मोर मारने पर पाबंदी है और उससे किसी को शिकायत नहीं, लेकिन जैसे ही गाय की बात आती है, लोग बिदक जाते हैं। इसी के साथ उन्होंने अपना बिल वापस ले लिया।