Sam Pitroda Controversy: हुआ तो हुआ से विरासत टैक्स तक... सैम पित्रोदा के ऐसे बयान जिसने हमेशा मचाया सियासी बवाल
Sam Pitroda Controversy कांग्रेस में कई ऐसे नेता हैं जो हमेशा पार्टी को अपने बयानों से मुश्किल में फंसाने का काम करते हैं। ऐसा ही कई बार सैम पित्रोदा भी करते आए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के विश्वासपात्र सैम पित्रोदा का राजनीतिक विवादों से गहरा नाता रहा है। आइए जानें ऐसे कौन से बयान से जिससे पित्रोदा ने कांग्रेस के लिए ही सेल्फ गोल किया है।
जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Sam Pitroda Controversy कांग्रेस में कई ऐसे नेता हैं जो चुनाव आते ही पार्टी के लिए सेल्फ गोल करना शुरू कर देते हैं। ये नेता हमेशा पार्टी को अपने बयानों से मुश्किल में फंसाने का काम करते हैं। ऐसे ही कई बार सैम पित्रोदा भी करते आए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के विश्वासपात्र सैम पित्रोदा का राजनीतिक विवादों से गहरा नाता रहा है। वे अक्सर संवेदनशील मुद्दों पर अपनी टिप्पणियों से विवाद पैदा करते आए हैं।
'विरासत टैक्स' का जिक्र कर कांग्रेस को फंसाया
लोकसभा चुनाव की शुरुआत में ही पित्रोदा का एक बयान फिर कांग्रेस के लिए विवाद खड़ा कर चुका है। दरअसल, पित्रोदा ने हाल ही में 'अमेरिका में विरासत टैक्स' का जिक्र कर कांग्रेस पार्टी को मुसीबत में डाल दिया है, जिसके बाद से पीएम मोदी और भाजपा ने हमलावर रुख अपना रखा है।
पीएम का कांग्रेस पर तंज
दरअसल, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने पीएम मोदी की 'धन के पुनर्वितरण' टिप्पणी पर बोलते हुए कहा कि अमेरिका (US) में विरासत टैक्स की अवधारणा है, जिसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति की संपत्ति का 55 फीसद हिस्सा सरकार को सौंप दिया जाता है न कि उनके बच्चों को।
पित्रोदा के इस बयान के बाद कांग्रेस ने जल्द ही ये उनकी निजी 'राय' बताया। हालांकि, इस बयान ने जल्द ही एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया और पीएम मोदी ने इसे कांग्रेस द्वारा लोगों को लूटने की चाल बताया और तंज कसते हुए कहा कि ये है कांग्रेस की लूट "जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी।"
यह पहली बार नहीं है जब पित्रोदा ने अपने बड़बोले बयाने से पार्टी को संकट में डाला है। अपने लंबे राजनीतिक करियर में पित्रोदा कई बार ऐसे विवादास्पद बयान दे चुके हैं।
2019 चुनाव से पहले मध्यम वर्ग के लोगों पर की गलत टिप्पणी
2019 के लोकसभा चुनावों से पहले एक टीवी इंटरव्यू में पित्रोदा ने मध्यम वर्ग पर एक ऐसा बयान दिया था, जिससे पार्टी सकते में आ गई थी। उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास को ज्यादा टैक्स देना चाहिए ताकि गरीब परिवारों के लिए न्यूनतम आय की गारंटी पूर हो सके और उन्हें "स्वार्थी" नहीं होना चाहिए। इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी पार्टी को सफाई देनी पड़ी कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वो मिडिल क्लास लोगों पर कोई अतिरिक्त कर का बोझ नहीं डालेगी।
84 हुआ तो हुआ, जब सिख दंगों पर बोले पित्रोदा
2019 लोकसभा चुनावों के दौरान ही सिख दंगों पर एक बयान देकर भी पित्रोदा फंस गए थे। दरअसल, भाजपा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए राजीव गांधी को मास्टरमाइंड कहा था। इसपर पूर्व प्रधानमंत्री के करीबी सहयोगी पित्रोदा ने कहा,
अब क्या है 84 का? भाजपा ने 5 साल में क्या किया, उसकी बात करे। 84 हुआ तो हुआ, आपने क्या किया?''
पित्रोदा ने इस बयान पर माफी तो मांगी, लेकिन उन्होंने पार्टी को बड़ी मुसीबत में फंसा दिया था।
पाक पर नरम रुख और बालाकोट एयरस्ट्राइक का विरोध
पित्रोदा ने पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय सेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक का भी विरोध किया था। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस को तीखी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
पित्रोदा ने कहा था कि मुंबई में भी हमला हुआ था और हमारी सरकार भी तब प्रतिक्रिया दे सकती थी और अपने विमान भेज सकती थी, लेकिन यह सही दृष्टिकोण सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह गलत है कि कुछ लोगों की गलती के चलते हम पाक के प्रत्येक नागरिक को दोषी ठहराएं।