सबरीमालाः आज खुलेंगे कपाट, केरल पहुंची तृप्ति देसाई; श्रद्धालुओं ने एयरपोर्ट पर ही रोका
सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर के आज शाम को कपाट खुलेंगे। इसके साथ ही एक बार फिर महिलाओं के प्रवेश करने को लेकर माहौल गरमाना शुरू हो गया है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर के आज शाम को कपाट खुलेंगे। इसके साथ ही एक बार ये सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार महिलाओं को मंदिर में प्रवेश मिल पाएगा। एक और श्रद्धालु हैं तो दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर में प्रवेश करने की जिद ठाने बैठी महिलाएं। वहीं, राज्य सरकार का स्पष्ट कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसे लागू करवाया जाएगा, हालांकि मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं की आस्था का भी सम्मान करने की बात कही है। लेकिन अभी तो इस विवाद का कोई हल निकलता नजर नहीं आता।
उधर, भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के लिए सुबह ही केरल पहुंच चुकी हैं। हालांकि फिलहाल वो एयरपोर्ट में ही हैं। जैसे ही तृप्ति के बारे में जानकारी मिली तो उन्हें रोकने के लिए श्रद्धालु सुबह से एयरपोर्ट के बाहर इकट्ठा होना शुरू हो गए। पुलिस ने एहतियात के तौर पर देसाई को अभी एयरपोर्ट में रोका हुआ है। इससे पहले देसाई ने केरल सरकार को पत्र लिखकर मंदिर में प्रवेश करने के लिए सुरक्षा की मांग की थी, हालांकि तृप्ति का कहना है कि उनके पत्र पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया।
भाजपा नेता बोले- एयरपोर्ट से बाहर नहीं जा पाएगी तृप्ति
वहीं, भाजपा नेता एमएन गोपी ने तृप्ति देसाई को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वे तृप्ति को किसी भी सरकारी गाड़ी या पुलिस की गाड़ी की मदद से एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने देंगे। न ही एयरपोर्ट से टैक्सी उन्हें लेकर मंदिर तक जाएगी। अगर वे जाना चाहती हैं तो अपनी निजी गाड़ी का इस्तेमाल करें। उन्हें पूरे रास्ते में विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ेगा।
तृप्ति बोलीं- मिल रहीं जान से मारने की धमकियां
सबरीमाला मंदिर में जाने से रोके जाने पर तृप्ति देसाई ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को हिंसा नहीं करनी चाहिए। जब एक बार हम वहां (मंदिर) पहुंच जाएंगे तो देखेंगे कि सरकार हमें कितनी सुरक्षा उपलब्ध कराती है। अगर सरकार हमें सुरक्षा नहीं देती तो भी वहां जाएंगे, हालांकि मुझ पर हमला हो सकता है। मुझे जान से मारने की भी बहुत धमकियां मिली हैं।