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महामारी और झूठी खबरों की दोहरी मार से जूझ रही दुनिया, आर्थ‍िक तंत्र हुआ बर्बाद : विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि मौजूदा वक्‍त में दुनिया कोरोना महामारी के साथ साथ झूठी खबरों की दोहरी मार से जूझ रही है। जानें विदेश मंत्री ने और क्‍या बातें कही हैं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 08:59 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 04:38 AM (IST)
महामारी और झूठी खबरों की दोहरी मार से जूझ रही दुनिया, आर्थ‍िक तंत्र हुआ बर्बाद : विदेश मंत्री
महामारी और झूठी खबरों की दोहरी मार से जूझ रही दुनिया, आर्थ‍िक तंत्र हुआ बर्बाद : विदेश मंत्री

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि मौजूदा वक्‍त में दुनिया कोरोना महामारी और झूठी खबरों के दोहरे हमलों का सामना कर रही है। विश्‍व आज बदलाव के मोड़ पर खड़ा है। महामारी ने दुनिया के समूचे आर्थिक तंत्र को बर्बाद कर दिया है। शुक्रवार को एलायंस ऑफ मल्टीलेटरलिज्म की वर्चुअल मिनिस्ट्रियल मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि महामारी ने विश्‍वभर में 40 हजार लोगों की जान ले ली है और हमारे रहने, काम करने, यात्रा करने के तौर तरीकों के साथ साथ आपसी रिश्तों पर भी असर डाला है।

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विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया आज एकबार फि‍र हम परिवर्तनकारी मौके पर खड़े हैं। मौजूदा वक्‍त में बहुपक्षीय जांच के साथ साथ सभी बहुपक्षीय संस्‍थाओं में आमूलचूल बदलाव की जरूरत है। ऐसे वक्‍त में जब महामारी ने हमारे सभी तौर तरीके बदल दिए हैं दूसरों की मौजूदगी से हमारा सुलभ रहन सहन का स्‍तर कम हो गया है। हालांकि विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि महामारी ने हमारी जिंदगी और रहन सहन को हमेशा हमेशा के लिए बदल दिया है।

जयशंकर ने कहा कि फेक न्यूज, भ्रामक और जान-बूझकर फैलाई जाने वाली झूठी खबरों की वजह से आपसी बातचीत के दौरान भी लोगों के बीच शंका बढ़ गई है। दूसरे शब्‍दों में हम यह कह सकते हैं कि इस दौर में हम स्‍वास्‍थ्‍य संकट के साथ साथ भ्रमक जानकारियों का भी सामना कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि इन दोनों चुनौतियों से निपटने का रास्ता एक ही रास्‍ता नजर आता है। मौजूदा वक्‍त में हमें साइंटिफिक एप्रोच पर ज्यादा यकीन करने की जरूरत है। इसका मतलब यह है कि हमें राजनीति को दरकिनार करके वास्‍तव‍िकताओं पर ध्‍यान केंद्र‍ित करना चाहिए।

विदेश मंत्री ने कहा कि कोरोना से निपटने की बात हो या फिर भविष्य में महामारियों से लड़ने की तैयारियों का मसला हो मौजूदा वक्‍त हमें आकलन करने का संकेत देता है कि भविष्य में यदि कोई महामारी आती है तो इसकी तैयारी में हमारे हेल्‍थ मेकेन‍िज्‍म में किन बदलावों को लागू करने की जरूरत है। पिछले महीने वर्ल्‍ड हेल्‍थ एसेंबली में अपनाया गया संकल्प इस महामारी के प्रति हमारी प्रतिक्रिया का आकलन करने और भविष्य की तैयारी के लिए एक सबक है। यह तथ्यों और विज्ञान का उपयोग करने का एक अवसर है। भारत इस लक्ष्‍य को हासिल करने को काम करने के लिए तैयार है।  


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