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चीन से संबंधों के विकास के लिए सीमा विवाद का शीघ्र समाधान जरूरी, जयशंकर और वांग फिर वार्ता शुरू करने पर सहमत

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन के संबंधों के विकास के लिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़े विवाद का शीघ्र समाधान जरूरी है। आपसी संबंधों की मधुरता के लिए सीमा पर शांति और यथास्थिति बनी रहना आवश्यक है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 08:55 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 12:38 AM (IST)
चीन से संबंधों के विकास के लिए सीमा विवाद का शीघ्र समाधान जरूरी, जयशंकर और वांग फिर वार्ता शुरू करने पर सहमत
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर फिर से वार्ता कायम करने की सहमति बनी है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और चीन के संबंधों के विकास के लिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़े विवाद का शीघ्र समाधान जरूरी है। आपसी संबंधों की मधुरता के लिए सीमा पर शांति और यथास्थिति बनी रहना आवश्यक है। यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग ई से मुलाकात में कही है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर फिर से वार्ता कायम करने की सहमति बनी है।

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उल्लेखनीय है कि भारतीय इलाके देपसांग पर चीन ने अभी भी कब्जा बनाए रखा है जबकि पैंगोंग झील के किनारे समेत कुछ स्थानों से चीनी सैनिक पीछे भी हटे हैं। ये चीनी सैनिक मई 2020 में कोरोना काल का फायदा उठाकर भारतीय जमीन पर आ गए थे। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में पहुंचे दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मसलों पर वार्ता हुई।

शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार विदेश मंत्री वांग ई ने कहा, सीमा विवाद सुलझाने की दिशा में भारत और चीन ने आधा रास्ता तय कर लिया है। यह रास्ता संबंधों में स्थिरता बनाए रखते हुए तय किया गया है। यहां तक पहुंचने के लिए दोनों देशों ने जल्द विवाद सुलझाने के नियमित बातचीत और प्रबंधन के तरीके का सहारा लिया। वांग ई के साथ मुलाकात में जयशंकर ने जोर देकर कहा था कि भारत के साथ अपने संबंधों को चीन किसी तीसरे देश के नजरिये से न देखे। जवाब में चीन ने इस पर सहमति जताई थी।

जयशंकर ने कहा, दोनों देशों के संबंधों की अपनी तासीर है। इसलिए उसी के अनुसार दोनों देशों को कार्य करना चाहिए। जवाब में चीन ने कहा, दोनों देशों के संबंधों को कोई तीसरा देश कमजोर नहीं कर सकता और न ही किसी तीसरे देश से रिश्ते के आधार पर ये संबंध निर्धारित होंगे। जाहिर है कि भारत और चीन का इशारा पाकिस्तान और अमेरिका को लेकर था। जयशंकर ने कहा, एशिया की एकजुटता भारत और चीन के संबंधों पर निर्भर करेगी, इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों विदेश मंत्रियों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के मौजूदा हालात और वैश्विक स्थिति पर चर्चा की है। दोनों देशों ने सीमा विवाद के जल्द निपटारे के लिए राजनयिकों और सैन्य अधिकारियों की वार्ता फिर से कायम करने का फैसला किया है। ये वार्ता तब तक कायम रहेगी, जब तक विवाद खत्म नहीं हो जाता। जयशंकर ने ईरान, आर्मेनिया और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों से भी द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा की है।


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