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विदेश मंत्री जयशंकर की दो-टूक, कहा- एलएसी को एकतरफा बदलने का कोई भी प्रयास स्वीकार नहीं

चीन से जारी गतिरोध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि एलएसी पर यथास्थिति में बदलाव का कोई भी एकतरफा प्रयास अस्‍वीकार्य है। उन्‍होंने यह भी कहा कि संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए दोनों देशों के बीच के समझौतों का सम्मान किया जाना चाहिए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 06:02 AM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 06:02 AM (IST)
विदेश मंत्री जयशंकर की दो-टूक, कहा- एलएसी को एकतरफा बदलने का कोई भी प्रयास स्वीकार नहीं
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि एलएसी की यथास्थिति को बदलने की कोशिश स्वीकार नहीं की जाएगी।

नई दिल्ली, पीटीआइ। चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की यथास्थिति को एकतरफा बदलने की उसकी किसी भी कोशिश को स्वीकार नहीं किया जाएगा। भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए यह जरूरी है कि दोनों देशों के बीच हुए सभी समझौतों का निष्ठा के साथ सम्मान किया जाए। आल इंडिया रेडियो पर प्रसारित सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ये बातें कही।

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समझौतों का निष्ठा के साथ सम्मान हो 

जयशंकर ने कहा कि सीमाई इलाकों में शांति और स्थिरता भारत और चीन के विस्तारित सहयोग के लिए आधार प्रदान करते हैं। परंतु, महामारी के सामने आने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में गंभीर तनाव पैदा हो गया है। उन्होंने कहा, 'सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए, दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का निश्चित तौर पर पूरी निष्ठा के साथ सम्मान किया जाना चाहिए। जहां तक वास्तविक नियंत्रण रेखा की बात है, तो यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की कोई भी कोशिश अस्वीकार्य है।'

विदेश मंत्री ने यह भी कहा

- भारत और अमेरिका की सभी सरकारों ने आपसी संबंधों को मजबूत निष्पक्ष तरीके से काम किया

- रूस के साथ भी भारत के संबंध उल्लेखनीय रूप से स्थिर बने हुए हैं

- दोनों देशों के शुरुआती दिनों के संबंध आज भी प्रासंगिक

- भारत के लिए यूरोप और उसके सदस्य देश स्वाभाविक सहयोगी

- फ्रांस के साथ भारत के संबंधों ने रणनीतिक रूप लिया

- कोरोना महामारी हाल के दिनों की सबसे विनाशकारी वैश्विक घटना

पांच महीने से बना है तनाव 

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पिछले पांच महीने से तनाव बना हुआ है। यह स्थिति और बिगड़ती ही जा रही है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन तनाव को कम करने में अभी कोई सफलता नहीं मिली है। सीमा पार आतंकवाद का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत इसके खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत उभरते विश्व व्यवस्था के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाते हुए अपने पड़ोसियों को महत्व देना जारी रखेगा।


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