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रूसी राजनयिक ने कहा- अफगान में भारत का बड़ा हित, किस हद तक भागीदारी बढ़ानी है भारत को करना है तय

रूसी राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने कहा कि रूस-भारत रणनीतिक साझेदारी के विस्तार के लिए कोई सीमा नहीं है। उनकी यह टिप्पणी दोनों देशों द्वारा वार्षिक शिखर सम्मेलन और पहली टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय बैठक की तैयारियों के बीच आई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 02:37 AM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 02:37 AM (IST)
रूसी राजनयिक ने कहा- अफगान में भारत का बड़ा हित, किस हद तक भागीदारी बढ़ानी है भारत को करना है तय
तालिबान लड़ाकों के तेजी से अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा करने को लेकर बढ़ती सुरक्षा चिंता

नई दिल्ली, प्रेट्र। रूस के वरिष्ठ राजनयिक ने बुधवार को कहा कि भारत का अफगानिस्तान में बड़ा हित है और यह नई दिल्ली को तय करना है कि उसे संघर्षरत देश में किस हद तक अपनी भागीदारी बढ़ानी है। रूसी राजनयिक ने यह टिप्पणी तालिबान लड़ाकों के तेजी से अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा करने को लेकर बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच की है।

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रूसी मिशन के उपप्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा- तालिबान अफगानिस्तान में 'वर्तमान वास्तविकता'

रूसी मिशन के उपप्रमुख रोमन बाबुश्किन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि तालिबान अफगानिस्तान में 'वर्तमान वास्तविकता' है और सभी जातीय समूहों के प्रतिनिधित्व के साथ एक समावेशी सरकार के गठन से संघर्षरत देश में शांति एवं स्थिरता का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

बाबुश्किन ने कहा- अफगानिस्तान पर रूस और भारत की करीबी नजर

उन्होंने कहा कि रूस और भारत दोनों अफगानिस्तान में संवाद प्रक्रिया का समर्थन करते हैं। वे उस देश में बदलती स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। राजयनिक ने कहा कि अफगानिस्तान एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है और इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है।

रूसी राजदूत ने कहा- तालिबान को आतंकवाद समेत कई मुद्दों से निपटना होगा

रूसी राजदूत निकोलाए कुदाशेव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बाबुश्किन ने आगे कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान को वैधता हासिल करने के लिए आतंकवाद और अन्य संबंधित मुद्दों की समस्या से निपटना होगा। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'हम अफगानिस्तान में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, तालिबान और अल-कायदा दोनों ऐसे संगठन हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी संगठन करार दिया गया है और वे रूस में भी प्रतिबंधित हैं। जब अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की बात आती है, तो रूसी स्थिति सुसंगत होती है।'

संयुक्त सैन्य सहायता पर नहीं दिया स्पष्ट जवाब

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और रूस अफगानिस्तान में रूसी मूल के सैन्य हेलीकाप्टरों की मरम्मत सहित अफगान सुरक्षा बलों को मजबूत करने के लिए संयुक्त रूप से सहायता प्रदान करने पर विचार करेंगे तो उन्होंने स्पष्ट जवाब तो नहीं दिया, लेकिन इस तरह के समर्थन से इन्कार भी नहीं किया।वहीं, कुदाशेव ने कहा कि भारत और रूस दोनों ही संबंधित पक्षों की प्रतिबद्धताओं पर आधारित अंतर-अफगान वार्ता का समर्थन करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य की अफगान सरकार समावेशी हो।

राजदूत ने कहा- अफगानिस्तान को स्वतंत्र, संप्रभु देश बनाने में अफगानियों का समर्थन करना  महत्वपूर्ण

उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान को स्वतंत्र, संप्रभु, एकजुट और लोकतांत्रिक देश बनाने में अफगानियों का समर्थन करना बेहद महत्वपूर्ण है। पश्चिमी देशों के सैनिकों की तेजी से वापसी शुरू होने के बाद, क्षेत्रीय प्रयास और भी महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।'

रूस-भारत रणनीतिक साझेदारी के विस्तार की कोई सीमा नहीं

रूसी राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने कहा कि रूस-भारत रणनीतिक साझेदारी के विस्तार के लिए कोई सीमा नहीं है। उनकी यह टिप्पणी दोनों देशों द्वारा वाíषक शिखर सम्मेलन और पहली 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय बैठक की तैयारियों के बीच आई है। उन्होंने कहा कि आगामी शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत की संभावित यात्रा के संबंध में दोंनों पक्षों के बीच चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि महामारी की स्थिति महत्वपूर्ण कारक होगी। कुदाशेव ने कहा, 'पहली टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय बैठक और निश्चित रूप से शिखर सम्मेलन, यह विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की एक नई व बड़ी आधारशिला होगी, जो वास्तव में अनोखी है।'

रूसी राजदूत कुदाशेव ने विदेश मंत्री जयशंकर की रूस यात्रा को सफल बताया

कुदाशेव ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सात से नौ जुलाई की रूस यात्रा को काफी सफल बताया। कोरोना संकट से मुकाबले में सहयोग का जिक्र करते हुए रूसी राजदूत ने कहा कि भारत में स्पुतनिक लाइट टीके का उत्पादन जल्द शुरू होने की उम्मीद है।


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