पांव पखार आरती अौर तिलक के साथ बस्तर में राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे ग्रामीण
यहां भोज में बस्तरिया व्यंजन की व्यवस्था भी होगी ताकि राष्ट्रपति और उनकी टीम बस्तर के लजीज भोजन का स्वाद और यादें अपने साथ ले जा सकें।
दंतेवाड़ा (योगेन्द्र ठाकुर)। पहली बार दक्षिण बस्तर पहुंच रहे राष्ट्रपति के स्वागत के लिए ग्रामीण आतुर हैं। वे महामहिम के स्वागत की तैयारी में जुट गए है। ग्रामीण पारंपरिक ढोल-मांदर की धुन के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत करेंगे। गांव पहुंचने पर उन्हें लकड़ी के पाटे पर खड़ा कराकर पांव धुलवाने के साथ पारंपरिक आरती और तिलक लगाकर गांव का भ्रमण कराएंगे। इसके साथ ही ग्रामीण महामहिम को गांव की यादें साथ ले जाने के लिए बस्तरिया गमछा और नारियल भेंट करेंगे। इनकी तैयारी की मॉनीटरिंग आदिवासी विकास विभाग कर रहा है।
किसानों और बच्चों से बात करेंगे राष्ट्रपति
राष्ट्रपति 25 जुलाई को दंतेवाड़ा प्रवास पर आ रहे हैं। वे यहां समन्वित कृषि प्रणाली का अवलोकन करने के साथ विकास कार्य भी देखेंगे। स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ नक्सल पीड़ित बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों से रू-ब-रू होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महिलाअों और किसानों के समूह सहित बच्चों से चर्चा करेंगे। साथ ही लोगों को भी संबोधित करेंगे। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां चल रही हैं।
कड़कनाथ फार्म अौर बकरी अभ्यारण्य का करेंगे निरीक्षण
देश के आकांक्षी जिलों में शामिल दंतेवाड़ा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को मांईजी की धरा पर पहुंच रहे वे यहां समन्वित कृषि प्रणाली का अवलोकन करेंगे। वे हीरानार स्थित कड़कनाथ हब के साथ करीब 25 एकड़ में तैयार खेती व बकरी पालन केंद्र का भी अवलोकन करेंगे। इसके लिए अधिकारियों का दल हीरानार और घोटपाल में डेरा डाले हुए हैं।
ज्ञात हो कि हीरानार अब कड़कनाथ हब के नाम से जाना जा रहा है। यह गांव समन्वित कृषि प्रणाली का मॉडल बन चुका है। अधिकारियों का मानना है कि हीरानार कड़कनाथ पालन के लिए ही नहीं किसानों की उन तमाम गतिविधियों के लिए जाना जाएगा जिससे वे अर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। इस मॉडल को किसानों की आर्थिक क्रांति का आधार माना जा रहा है। इसी गांव में तैयार बकरी पालन केंद्र का भी राष्ट्रपति अवलोकन करेंगे, जहां सिरोही नस्ल की 45 बकरियों का पालन किया जा रहा है।
बस्तरिया भोज करेंगे
राष्ट्रपति कोविंद के लिए हीरानार स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में दोपहर भोज का कार्यक्रम तय है। इसके लिए स्कूल परिसर में तैयारी चल रही है। रंगरोगन के साथ अन्य बच्चों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यहां भोज में बस्तरिया व्यंजन की व्यवस्था भी होगी ताकि राष्ट्रपति और उनकी टीम बस्तर के लजीज भोजन का स्वाद और यादें अपने साथ ले जा सकें।
फिर हीरानार में स्थित वृद्धा आश्रम पहुंच संचालक बुधरी ताती सहित अन्य वृद्धजनों से चर्चा करेंगे। इस आश्रम का भी प्रशासन कायाकल्प करने में लगा हुआ है। इसके बाद राष्ट्रपति पास के गांव घोटपाल पहुंचेंगे जहां वेलनेस हॉस्पिटल का लोकार्पण करेंगे।
ई- रिक्शा की सवारी भी करेंगे
अधिकारियों के मुताबिक हीरानार के समन्वित कृषि मॉडल विलेज का अवलोकन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ई- रिक्शे पर बैठकर करेंगे। इसके लिए ई- रिक्शा संचालन समूहों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भ्रमण के दौरान राष्ट्रपति सहित टीम के लिए आधा दर्जन ई-रिक्शा काफिले में शामिल होगा। ज्ञात हो कि बीजापुर के जांगला प्रवास पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ई-रिक्शे की सवारी की थी।