पं. दीनदयाल के नाम चल रही योजनाओं का नाम बदलने पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में हंगामा
छत्तीसगढ़ में पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर चल रही योजनाओं का नाम बदलने पर मंगलवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ।
रायपुर। राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर चल रही योजनाओं का नाम बदलने पर मंगलवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने विधानसभा में इसका विरोध किया और जमकर नारेबाजी की। प्रमुख विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने इस मामले में अपने स्थगन प्रस्ताव पर सदन में काम रोककर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। इसको लेकर सदन में दोनों तरफ से जमकर हंगामा हुआ। स्पीकर डॉ. चरण दास महंत ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान भाजपा सदस्य नारायण चंदेल ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पं. दीनदयाल के नाम पर चल रही योजनाओं का नाम बदल दिया है। सरकार यह बदले की भावना से कर रही है। यह परंपरा उचित नहीं है। अजय चंद्राकर ने कहा कि महापुस्र्ष किसी भी विचारधारा के हो वे पूरे समाज के होते हैं, उन्हें बांटा नहीं जा सकता। सरकार का यह काम अलोकतांत्रिक है। शिवरतन शर्मा ने कहा कि नई सरकार अपनी नई योजना बनाए हमें उस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन नाम बदलना गलत है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार पूरी एक विचारधारा को कुचलने की कोशिश कर रही है। अग्रवाल ने विधानसभा सत्र के दौरान इस तरह के बड़े फैसले सदन के बाहर किए जाने पर भी आपत्ति की। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कल ही हम दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि मना रहे थे और सरकार ने कल ही रातों-रात उनके नाम वाली योजनाओं का नाम बदल दिया। इस बीच अध्यक्ष डॉ. महंत ने व्यवस्था देते हुए कहा कि यह विषय स्थगन का नहीं है, इस वजह से मैंने प्रस्ताव को कक्ष में ही अस्वीकार कर दिया। इसके बाद भी विपक्षी सदस्य चर्चा का आग्रह करते रहे।
वहीं विपक्ष के आरोपों के जवाब में पहले नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया और आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उसके बाद संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि योजनाओं का नाम बदलने की शुरुआत तो आप लोगों ने की थी, उन्होंने कई योजनाओं के नाम भी बताए जिनके नाम बदले गए हैं। कांग्रेस सदस्य मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का नाम भी तो भाजपा की सरकार ने बदला था।