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संघ बोला, भारत में कभी भी मुसलमानों का नहीं हुआ उत्पीड़न, CAA के खिलाफ हो रहा दुष्‍प्रचार

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने नागरिकता कानून के खिलाफ गलत जानकारियां फैलाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि भारत में कभी भी मुसलमानों का उत्पीड़न नहीं हुआ है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 05:54 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 08:12 PM (IST)
संघ बोला, भारत में कभी भी मुसलमानों का नहीं हुआ उत्पीड़न, CAA के खिलाफ हो रहा दुष्‍प्रचार
संघ बोला, भारत में कभी भी मुसलमानों का नहीं हुआ उत्पीड़न, CAA के खिलाफ हो रहा दुष्‍प्रचार

नागपुर, पीटीआइ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के महासचिव भैयाजी जोशी (Bhaiyyaji Joshi) ने रविवार को संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act 2019, CAA) के खिलाफ गलत जानकारियां फैलाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि भारत में कभी भी मुसलमानों का उत्पीड़न नहीं हुआ है। वह (Bhaiyyaji Joshi) 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर संघ मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद संबोधित कर रहे थे। 

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RSS के महासचिव जोशी ने CAA को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि इस्लाम के अनुयायियों को आज तक इस देश में किसी भी तरह के उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा है। विदेश से कोई भी नागरिक आता है... भले ही वह मुस्लिम क्यों न हो, वह पहले से बने कानून के हिसाब से नागरिकता हासिल कर सकता है। ऐसे में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर कोई समस्‍या नहीं होनी चाहिए। 

भैयाजी जोशी ने कहा कि CAA के खिलाफ बिना सोचे बिचारे ही फेक न्‍यूज फैलाई जा रही है। यदि सीएए के पीछे की भावना को सही तरीके से समझा जाता तो इस कानून को किसी भी विरोध का सामना नहीं करना पड़ता। हालांकि,  सरकार ने बार-बार इस मसले पर सफाई दिया है लेकिन अलग-अलग समूह अब भी इसके खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। देश की संसद ने इस कानून को पारित किया है इसलिए सभी को इसे स्‍वीकार करना चाहिए। 

RSS के महासचिव जोशी ने लोगों से गलत जानकारियों से बचने की अपील करते हुए कहा कि पहले भी सरकारों ने नागरिकता कानून में बदलाव किया है। यह देश के लिए अनिवार्य है कि कोई भी विदेशी भारत में न रहे। यह कानून केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं के लिए ही नहीं वरन जैन, सिख, बौद्ध और ईसाईयों को भी नागरिकता देने की सहूलियत देता है। ऐसे में इस कानून के खिलाफ हिंसा फैलाना अच्छी बात नहीं है। 


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