देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर संघ का फोकस, भैय्या जी जोशी की अध्यक्षता में बनी योजना
संघ के सरकार्यवाहक भैय्या जी जोशी की अध्यक्षता में योजना बनाई गई है। संघ ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए कुटीर उद्योगों पर फोकस करने को कहा है।
रायपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम करेगा। रविवार को रायपुर में संघ की अखिल भारतीय ग्राम्य विकास सभा की वार्षिक बैठक में यह फैसला किया गया। संघ के राष्ट्रीय सरकार्यवाह भय्या जी जोशी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संघ के 34 प्रांतों के तीन सौ पदाधिकारी शामिल हुए।
संघ ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए गोसेवा के साथ कुटीर उद्योगों और जैविक खेती पर फोकस करने का फैसला किया है। संघ पदाधिकारियों ने बताया कि भय्या जी जोशी दो दिन के प्रवास पर यहां आए थे। प्रवास के दूसरे दिन रविवार को उन्होंने अखिल भारतीय स्तर की दो बैठकें लीं। इनमें ग्राम्य विकास समिति के साथ दिव्यांगों के लिए काम करने वाली सक्षम की बैठक शामिल है। सक्षम की बैठक में देशभर से आए करीब डेढ़ सौ स्वयंसेवक और पदाधिकारी शामिल हुए। यह बैठकें रोहणीपुरम स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में हुईं।
इससे पहले उन्होंने दोनों शाखाओं के कामकाज की समीक्षा करते हुए नई योजना के तहत काम करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि बैठक में राष्ट्र में ग्रामीण इलाकों में कुटीर उद्योगों के अस्तित्व पर संकट को लेकर मंथन किया गया। संघ इस बात से चिंतित है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का यह प्रमुख जरिया अब विलुप्त होता जा रहा है।
बैठक में यह बात सामने आई है कि सुतार, लोहार, बढ़ई, कुम्हार आदि रोजमर्रा के काम कर रोजी-रोटी जुटाने वाले लोगों पर लगातार बेरोजगारी का खतरा बढ़ रहा है। इस वजह से इन पारंपरिक कुटीर उद्योगों व ग्रामीण विकास के आधार को बचाना होगा। साथ ही खेती की उन्नत तकनीकों को लेकर भी बात की गई। इसमें जैविक खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है।
बढ़ाई जाएगी स्वयंसेवकों की संख्या
संघ की व्यावसायिक शाखा की भी शनिवार को बैठक हुई। इसमें शाखा में नए स्वयंसेवकों को जोड़ने का फैसला किया गया है। विद्यार्थियों को भी संघ की शाखाओं में अधिक से अधिक शामिल करने पर विचार किया गया।