मोहन भागवत के सेना पर बयान को लेकर सियासी बवाल, कांग्रेस ने बोला हमला
संघ प्रमुख पर राहुल के इस प्रहार के बाद कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर भागवत के बयान को चौकाने वाला और बेहद चिंताजनक करार दिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रमुख मोहन भागवत की सेना पर की गई टिप्पणी से सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भागवत के बयान को सेना और तिरंगे का अपमान करार देते हुए इसे शर्मनाक करार दिया है। वहीं कांग्रेस ने भागवत को देश और सेना से माफी की मांग करते हुए कहा कि प्रजातंत्र में 'प्राइवेट मिलिशिया' की इजाजत नहीं दी जा सकती। संघ प्रमुख के बयान पर पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर अपनी स्थिति साफ करने की भी मांग की।
सेना की महीनों की तैयारी की तुलना में आरएसएस की फौज को तीन दिन में तैयार कर देने के भागवत के बयान पर ट्वीट के जरिये राहुल गांधी ने बेहद तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख का भाषण हर भारतीय का अपमान है क्योंकि यह उनके सम्मान को आघात पहुंचाता है जो देश के लिए मर मिटे हैं। यह उन सैनिकों का अपमान है जो देश के लिए अपनी जान दे रहे हैं। यह हमारे तिरंगे का भी अपमान है क्योंकि सैनिक तिरंगे को सलाम करते हैं।
संघ प्रमुख पर राहुल के इस प्रहार के बाद कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर भागवत के बयान को चौकाने वाला और बेहद चिंताजनक करार दिया। पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि संघ प्रमुख का बयान सेना के मनोबल को गिराने वाला है और वह भी ऐसे समय में जब सेना व अर्द्धसैनिक बल जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से मोर्चे पर लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भागवत की टिप्पणी इसलिए चिंताजनक है कि भारत के लोकतंत्र में राष्ट्र की सुरक्षा नीति और रक्षा के लिए संविधान में केवल सेना की ही जगह है।
शर्मा ने कहा कि सोमालिया, कांगो समेत अफ्रीका के कई देश हों या सीरिया, इराक, अफगानिस्तान जिन देशों में प्राइवेट मिलिशिया ने अपनी सेना बनाई उनकी तबाही-बर्बादी का हश्र दुनिया के सामने है। उनका कहना था कि भारत की सेना के पराक्रम पर देश को गौरव है और 1971 में पाकिस्तान को आत्मसमर्पण कर बांग्लादेश को आजाद करने से पहले या अब तक सेना ने अपने पराक्रम को साबित किया है।
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