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RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- प्रणब मुखर्जी हमें अकेला छोड़ गए

भागवत ने एक वीडियो संदेश में कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी का निधन उन सभी स्वयंसेवकों के लिए बहुत बड़ी क्षति है जो उनसे मिले थे।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 10:58 AM (IST)
RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- प्रणब मुखर्जी हमें अकेला छोड़ गए
RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- प्रणब मुखर्जी हमें अकेला छोड़ गए

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत रत्न व पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अब हमारे बीच नहीं हैं। 31 अगस्त की शाम प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर करीब 2 बजे नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा। वहीं, प्रणब की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए उनके 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास पर रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों समेत कई नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा भी कई नेताओं ने उनकी मृत्यु पर शोक जताया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उन्हें 'एक महान विद्वान और देशभक्त बताया।' उन्होंने आगे कहा कि उनके निधन से हुई क्षति की पूर्ति नहीं की जा सकती है। 

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भागवत ने आगे कहा कि प्रणब मुखर्जी ने अकेला छोड़ दिया। वह एक दयालु व्यक्ति थे, जो मुझसे जब बात करते थे तो ऐसे बिलकुल नहीं लगता था कि वे भारत के राष्ट्रपति हैं। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, सभी को अपना बनाना उनकी प्रकृति में था। वह हमेशा याद किए जाएंगे।

भागवत ने एक वीडियो संदेश में कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी का निधन उन सभी स्वयंसेवकों के लिए बहुत बड़ी क्षति है, जो उनसे मिले थे। जब वह राष्ट्रपति थे तब मैं उनसे दो बार मिला था और उसके बाद मैं उनसे तीन-चार बार मिला।

प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया था। मोदी ने लिखा- 'भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर भारत शोक व्यक्त करता है। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वे एक विद्वान स्कॉलर रहे। उन्हें समाज के हर वर्ग ने पसंद किया। मैं 2014 में दिल्ली में पहुंचा। पहले ही दिन से मुझे श्री प्रणब मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला। मैं हमेशा उसके साथ अपनी बातचीत को संजोकर रखूंगा। उनके परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों और पूरे भारत में उनके समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।'


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