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हिंद महासागर में भारत की भूमिका पर होगा मंथन, 32 देशों के नौसेना प्रमुख लेंगे भाग

हिंद महासागर के इस तटीय नौसैनिक संगठन के जरिये समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत के नेतृत्व को सभी देशों ने सराहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 08:30 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 01:22 AM (IST)
हिंद महासागर में भारत की भूमिका पर होगा मंथन, 32 देशों के नौसेना प्रमुख लेंगे भाग
हिंद महासागर में भारत की भूमिका पर होगा मंथन, 32 देशों के नौसेना प्रमुख लेंगे भाग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हिंद महासागर में भारत की भूमिका भविष्य में कितनी अहम होगी इस पर विचार करने के लिए कोच्चि में 13 और 14 नवम्बर को नौसेना ने एक सम्मेलन का आयोजन किया है। जिसमें 32 देशों के नौसेना प्रमुख और आला प्रतिनिधि भाग लेंगे। भारत की पहल पर स्थापित किये गए इंडियन ओशन नेवल सिम्पोजियम (आईओएनएस) के एक दशक पूरा होने के मौके पर इस आयोजन को अंजाम दिया जा रहा है।

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भारत की इस पहल से हिंद महासागर के तटीय देशों के बीच सुरक्षा के मामले में आपसी तालमेल और सहयोग लगातार बढ़ा है और क्षेत्र के देशों के बीच भारत एक प्रमुख सुरक्षा प्रदाता के तौर पर अग्रणी भूमिका निभाने वाला देश बन कर उभरा है।

बता दें कि 'इंडियन ओशन नेवल सिम्पोजियम' की स्थापना दिल्ली में फरवरी, 2008 को की गई थी। 'आईओएनएस' में अब तक 32 देशों के शामिल होने से क्षेत्र के तटीय देशों के बीच इसकी बढ़ती अहमियत का पता चलता है।

सदस्य देशों के अलावा आठ देश इसके पर्यवेक्षक के तौर पर सम्मेलन में भाग लेते हैं। इससे सभी तटीय देशों के बीच समुद्री सहयोग की भावना मजबूत होती है। इससे सामुद्रिक मसलों को लेकर आपसी समझ बेहतर होती है और तटीय नौसैनाओं के बीच सहयोगी प्रक्रिया विकसित करने में मदद मिलती है। पिछले कुछ समय में इस संस्था के जरिये एक बेहतर समुद्री क्षेत्रीय व्यवस्था कायम करने में मदद मिली है।

हिंद महासागर के इस तटीय नौसैनिक संगठन के जरिये समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत के नेतृत्व को सभी देशों ने सराहा है। इस संगठन की अध्यक्षता भारत पहले संभाल चुका है और इसके बाद बारी बारी से सदस्य देश इसकी कमान संभालते हैं।

अब तक संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश और ईरान इसकी अध्यक्षता कर चुके हैं। अध्यक्ष के तौर पर दो साल पर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले देशों द्वारा सेमिनार और नौसैनिक मेलजोल के कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

इस आयोजन के मौके पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगी। सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'सागर' (सिक्युरिटी एंड ग्रोथ फार आल इन द रीजन) को विचारणीय विषय बनाया गया है। इससे हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की भूमिका नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर की भूमिका उजागर होती है। 


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