जमीन घोटाला: वाड्रा से नौ घंटे में 11 अधिकारियों ने पूछे 55 सवाल; आज फिर होगी पूछताछ
प्रवर्तन निदेशालय की राजस्थान इकाई मंगलवार को रॉबर्ट वाड्रा से आठ से नौ घंटे तक पूछताछ हुई। उनके साथ मां मौरीन वाड्रा से भी पूछताछ की गई।
जागरण संवाददाता, जयपुर। बीकानेर फायरिंग रेंज जमीन घोटाले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को करीब नौ घंटे पूछताछ की। जयपुर में हुई पूछताछ में ईडी ने वाड्रा की मां मौरीन वाड्रा से भी सवाल किए। इस दौरान दोनों ने खुद को सही ठहराने की कोशिश की। दिल्ली और जयपुर के ग्यारह अधिकारियों ने उनसे करीब 55 सवाल दागे। उनको पूछताछ के लिए बुधवार को फिर बुलाया है।
रॉबर्ट वाड्रा ने अधिकारियों के समक्ष कहा कि उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने दस्तावेज देखकर ही जमीन खरीदी थी। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि दलालों द्वारा स्थानीय राजस्व विभाग के कर्मचारियों से मिलीभगत करके फर्जी तरीके से जमीन के दस्तावेज बनाए गए हैं। उन्होंने जमीन के खरीद-फरोख्त से जुड़े कुछ दस्तावेज भी पेश किए। हालांकि, ईडी के अधिकारी उनके जवाबों से असंतुष्ट नजर आए। वाड्रा अधिक जानकारी देने से बचते रहे। मौरीन वाड्रा से दो घंटे तक सवाल-जवाब किए गए।
पहले करीब तीन घंटे पूछताछ के बाद उन्हे एक घंटे के लिए लंच पर भेज दिया गया और फिर पांच घंटे से भी अधिक समय तक पूछताछ हुई। गौरतलब है कि वाड्रा पर आरोप है कि उनकी कंपनी ने साल 2012 में बीकानेर जिले के कोलायत में 79 लाख रुपये में कुल 275 बीघा जमीन खरीदी। तीन साल बाद 5.15 करोड़ में एलेजेनी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी। इस तरह कंपनी ने काफी मुनाफा कमाया।
इस बीच ईडी ने बीकानेर के कोलायत और महाजन फायरिंग रेंज जमीन घोटाले और मनी लॉड्रिंग को लेकर फरवरी 2018 में रॉबर्ट वाड्रा के करीबी महेश नागर के फरीदाबाद स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान ईडी ने पाया कि जिस महेश नागर के जरिये वाड्रा की कंपनी ने जमीन खरीदी थी वह जमीन उसके ड्राइवर अशोक कुमार के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिये ली गई थी।
ऐसे में वाड्रा से सवाल पूछा गया है कि आखिर क्या जरूरत थी कि ड्राइवर के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार करनी पड़ी। ड्राइवर के पास पैसे कहां से आए और उसने किस को भुगतान किया। दलाल जयप्रकाश से कैसे संपर्क में आए।
पति और सास को छोड़ने ईडी दफ्तर तक आईं प्रियंका
प्रियंका गांधी वाड्रा अपने पति रॉबर्ट वाड्रा और सास मौरीन वाड्रा को ईडी दफ्तर तक छोड़ने आईं। इसके बाद वह लखनऊ के लिए रवाना हो गईं।
ईडी ने पूछे ये प्रमुख सवाल
-आपकी कंपनी ने सस्ते में जमीन खरीदकर महंगी दामों में बेची, क्या यह आपकी जानकारी से हुआ?
-आपकी कंपनी ने जमीनों में हुए लाभ का क्या उपयोग किया?
-महेश नागर और दलाल जयप्रकाश से संबंधों के बारे में बताएं?
-कोलायत और महाजन फायरिंग रेंज में कुल 1422 बीघा से आपकी कंपनी ने कितनी और किसके माध्यम से जमीन खरीदी?
-इस सौदे में लाभ का बंटवारा किस-किस के बीच हुआ?
-इस सौदे में आपको कितना लाभ हुआ?
-कंपनी के कारोबार व प्रबंधन में आपकी मां मौरीन वाड्रा का कितना दखल है?
-आपकी कंपनी का मुख्य कारोबार क्या है?
-क्या आप जानते थे जमीन सरकारी थी और फर्जी दस्तावेज बनाकर बेची गई?
जयपुर में लगे राहुल, प्रियंका और वाड्रा के पोस्टर
ईडी दफ्तर के बाहर एकत्रित कुछ लोगों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के समर्थन में जमकर नारेबाजी की । उधर, जयपुर में ईडी दफ्तर के बाहर और शहर के प्रमुख स्थानों पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के समर्थन में पोस्टर भी लगाए गए।
इसलिए ईडी के निशाने पर हैं वाड्रा और उनकी मां
बीकानेर जमीन घोटाले से संबंधित जिस कंपनी पर आरोप लगे हैं, रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा उसमें डायरेक्टर हैं। ईडी का मानना है कि जिस कंपनी को जमीन बेची गई है, वह एक मुखौटा कंपनी है। ईडी को शक है कि रॉबर्ट वाड्रा को इसके बारे में जानकारी थी। ईडी ने 2018 में की गई छापेमारी में पाया था कि जिस महेश नागर के जरिये जमीन खरीदी गई थी, उस जमीन का सौदा अशोक कुमार के पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिये हुआ था। ऐसे में ईडी को कुछ गड़बड़ी की आशंका है।
-वाड्रा की कंपनी ने जिसको जमीन बेची वह कंपनी किसी भी तरह के रियल एस्टेट कारोबार से नहीं जुड़ी है। उसके शेयरधारक भी फर्जी हैं। या फिर उनका कोई अस्तित्व नहीं है।
-राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश पर रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा जयपुर के ईडी दफ्तर में पेश हुए।