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‘जब तक समाज में है छुआछूत तब तक रहेंगे आरक्षण के प्रावधान’

आरक्षण के मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख के एक बयान से विवाद शुरू हो गया जिसपर भाजपा सांसद ने कहा है कि जब तक समाज में छुआछूत रहेगा तब तक आरक्षण के प्रावधान रहेंगे।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 02:00 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 02:05 PM (IST)
‘जब तक समाज में है छुआछूत तब तक रहेंगे आरक्षण के प्रावधान’
‘जब तक समाज में है छुआछूत तब तक रहेंगे आरक्षण के प्रावधान’

मैसूर, एएनआइ। पिछले दिनों राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा आरक्षण पर दिए गए बयान पर भाजपा सांसद ने विरोध जताया है और कहा है कि समाज में जब तक छुआछूत भेदभाव मौजूद रहेगा तब तक आरक्षण के प्रावधान बरकरार रहेंगे।

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भारतीय जनता पार्टी के सांसद वी श्रीनिवास प्रसाद ने राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आरक्षण के प्रावधान तब तक रहेंगे जब तक समाज से छुआछूत व भेदभाव न हट जाए। पिछले दिनों संघ प्रमुख भागवत ने आरक्षण विरोधियों व समर्थकों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में संवाद कराने की बात कही। जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया।

कितने सालों तक आरक्षण जारी रहेगा के जवाब में चामराजनगर सांसद श्रीनिवास प्रसाद ने कहा, ‘जब तक आप छुआछूत मानेंगे तब तक आरक्षण के प्रावधान मौजूद रहेंगे। लेकिन राजनीतिक आरक्षण को हर दस साल पर संशोधित किया जाएगा।’

जब मैं 1980 में पढ़ाई करता था यह कहा गया था कि 30 साल के बाद इसे संशोधित किया जाएगा। इसे फिर से बढ़ा दिया गया। गरीबी वैश्‍विक प्रक्रिया है। अभी भी अछूतों की स्‍थिति काफी बदतर है।

मामले पर संघ प्रमुख के विचारों के बारे में सवाल का जवाब देते हुए उन्‍होंने बताया, ‘प्रत्‍येक नागरिक को बोलने की आजादी दी गई है। भागवत जी ने आरक्षण पर अपने विचार रखे। हम क्‍यों विरोध कर रहे हैं? अछूत भी समाज की मुख्‍यधारा में आने की कोशिश कर रहे हैं।‘

एक इवेंट में भागवत ने बताया था कि आरक्षण के समर्थकों व इसके विरोधियों के बीच बातचीत होनी चाहिए। आरक्षण के समर्थकों को विरोधियों के पक्ष को ध्‍यान में रखते हुए बात करनी चाहिए और इसी तरह विरोधियों को भी समर्थकों का पक्ष ध्‍यान में रखना होगा। इस बयान के बाद विवाद शुरू हो गया था। आरक्षण पर अपने पक्ष का स्‍पष्‍टीकरण देते हुए संघ सामने आया। कांग्रेस व बहुजन समाज पार्टी ने भागवत के बयान की निंदा की और कहा कि इससे भाजपा और संघ का दलित-पिछड़े वर्गों के लिए पिछड़ा रुख सामने आ गया।

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