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राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस चला रही हमारे खिलाफ अभियान: रिलायंस ग्रुप

रिलायंस ने कहा कि जमीन खरीदना और रिलायंस-दासौ समझौता दो अलग चीजें और कांग्रेस इसे तोड़मरोड़ कर पेश कर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 09:50 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 09:50 PM (IST)
राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस चला रही हमारे खिलाफ अभियान: रिलायंस ग्रुप
राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस चला रही हमारे खिलाफ अभियान: रिलायंस ग्रुप

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उद्योगपति अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह ने राफेल सौदे के संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए सीधा आरोप जड़ दिया है कि वह राजनीतिक फायदे के लिए तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश कर रही है। रिलायंस ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि आगामी राज्य विधान सभा चुनाव और आम चुनावों के मद्देनजर उनकी कंपनी के मुखिया अंबानी को लगातार राजनीतिक लड़ाई में घसीटा जा रहा है। कांग्रेस को इससे बचना चाहिए।

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राहुल ने शुक्रवार को सीधा आरोप लगाया था कि दासौ ने रिलायंस एयरपोर्ट डेवलपर्स लिमिटेड के जरिए 284 करोड़ रुपये की पहली रिश्वत दी थी और उसी से रिलायंस ने जमीन खरीदी थी। रिलायंस ने इसे सफेद झूठ करार देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के नागपुर के निकट मिहान में जमीन के लिए रिलायंस ने 2015 में आवेदन किया था जो 2016 मे आवंटित हुई। इसके लिए 2015 से 2017 के बीच पूरा भुगतान कर दिया गया था जो दासौ के निवेश से पहले ही हो गया था। दासौ एविएशन ने आरएडीएल में 34.8 फीसद इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 309 करोड़ का निवेश किया था। यह सितंबर 2017 में एफडीआइ नियमों के मुताबिक पूरी पारदर्शिता बरतते हुए किया गया।

दासौ रिलायंस ज्वॉइंट वेंचर - डीआरएएल मिहान में इसी जमीन पर बना हुआ है और फाल्कन-2000 बिजनेस जेट्स के कंपोनेंट्स का निर्माण शुरु भी हो चुका है। रिलायंस ने कहा कि जमीन खरीदना और रिलायंस-दासौ समझौता दो अलग चीजें और कांग्रेस इसे तोड़मरोड़ कर पेश कर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बार-बार रिलायंस को 30 हजार करोड़ का आफसेट दिलवाने का आरोप लगाते हैं। रिलायंस ने इस पर भी स्थिति स्पष्ट की। कंपनी का कहना है कि वायुसेना ऑन रिकॉर्ड यह स्पष्ट कर चुकी है कि राफेल के कुल 30 हजार करोड़ रुपये आफसेट प्रावधान में रिलायंस का हिस्सा सिर्फ 6,500 करोड़ है। इसका लाभ अन्य कंपनियों को भी मिलेगा।

कंपनी ने रिलायंस एयरपोर्ट डवपलपर्स लिमिटेड और दासौ के बीच हुए करार के बारे में ब्यौरा भी दिया। कंपनी ने कहा कि आरएडीएल महाराष्ट्र के नांदेड, लातूर, बारामती, यवतमाल और उस्मानाबाद में पांच हवाई अड्डों का संचालन करती है। आरडीएएल ने ये हवाई अड्डे 95 साल की दीर्घकालिक लीज पर लगभग दस साल पहले महाराष्ट्र सरकार की ओर से आमंत्रित की गयी प्रतिस्पर्धात्मक निविदा में हासिल किए।

कंपनी ने उम्मीद जतायी कि ये तथ्य सामने आने के बाद समूह के बारे में चलाया जा रहा मिथ्या प्रचार खत्म हो जाएगा। रिलायंस ने कहा कि दासौे ओर रिलायंस के बीच निवेश कंपनी में आया है और इसका एक भी रुपया अनिल अंबानी ने व्यक्तिगत तौर पर प्राप्त नहीं किया है। इसलिए यह कहना है कि अनिल अंबानी ने को भुगतान हुआ, पूरी तरह गलत और भ्रामक है।

रिलायंस ने कहा कि अंबानी पर व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस ने जो हमला किया है वह शर्मनाक और निंदनीय है। कांग्रेस पार्टी का लगातार झूठ और असत्य अभियान इस सच्चाई को नहीं बदल सकता कि अनिल अंबानी ने दासौ के साथ व्यक्तिगत रूप से कोई सौदा नहीं किया है और न ही उन्हें व्यक्गित रूप से किसी भी सौदे से किसी भी रूप में लाभ प्राप्त हुआ है। 


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