विपक्ष के आरोपों पर पानी फेरते हुए एचएएल के चेयरमैन ने कहा- राफेल में नहीं कोई दिलचस्पी
एचएएल चेयरमैन आर. माधवन ने कहा कि यदि ये विमान भारत में बनाए जाते तो हम इसमें जरुर रुचि दिखाते लेकिन एचएएल ऑफसेट और सीधी खरीद में रुचि नहीं रखती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल को लेकर देश की राजनीति में मचे सियासी घमासान के बीच विपक्ष के तमाम आरोपों पर गुरुवार को एचएएल ने यह कहते हुए पानी फेर दिया कि उसे राफेल रक्षा सौदे में कोई दिलचस्पी नहीं है। चेयरमैन आर. माधवन ने राफेल पर पूछे सवाल के जवाब में साफ किया की कंपनी खुद विमान निर्माण का काम करती है और इस सौदे में 36 विमान बाहर से बनकर आने है, और इसमें निर्माण करने जैसा कुछ नहीं है।
माधवन ने गुरुवार को एयरो इंडिया के कार्यक्रम में कहा कि यदि ये विमान भारत में बनाए जाते तो हम इसमें जरुर रुचि दिखाते, लेकिन एचएएल ऑफसेट और सीधी खरीद में रुचि नहीं रखती है।
वहीं दूसरी ओर हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने अपनी स्थिर और मजबूत वित्तीय स्थिति का दावा करते हुए यह स्वीकार किया कि उसे भारतीय वायुसेना और थलसेना समेत अपने ग्राहकों से प्राप्त 9,500 करोड़ रुपये की राशि मिलने में देर हुई है।
एचएएल के निदेशक (वित्त) अनंत कृष्णन ने बताया कि, कंपनी की वित्तीय स्थिति स्थिर और मजबूत है, और वित्तीय स्थिति को लेकर कोई समस्या नहीं है।
उन्होंने कहा कि एचएएल के पास आरक्षित व अधिशेष के तौर पर 1,200 करोड़ रुपये है। एचएएल के बयान इसलिए अहम हैं क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से एचएएल के बहाने सरकार पर निशाना साधा जा रहा था।