मोदी सरकार को 28,000 करोड़ रुपये अंतरिम डिविडेंड देगा आरबीआइ
यह दूसरा साल है जब आरबीआइ अंतरिम डिविडेंड ट्रांसफर करेगा। इस तरह 28,000 करोड़ रुपये के अंतरिम डिविडेंड को मिला लेने पर सरकार के खजाने में कुल 68000 करोड़ रुपये आएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए रिजर्व बैंक ने केंद्र को 28,000 करोड़ रुपये अंतरिम डिविडेंड देने का फैसला किया है। यह अंतरिम डिविडेंड जुलाई से दिसंबर 2018 की अवधि के लिए दिया जाएगा। आरबीआइ के सेंट्रल बोर्ड की बैठक में सोमवार को इस आशय का निर्णय लिया गया।
चूंकि आरबीआइ का लेखा वर्ष जुलाई से जून तक चलता है इसलिए यह अंतरिम डिविडेंड शुरुआती छह माह के लिए होगा। हालांकि वित्त वर्ष 2018-19 (अप्रैल-जून) के हिसाब से देखें तो यह दूसरा मौका है जब सरकार को आरबीआइ से डिविडेंड प्राप्त होगा। इससे पूर्व आरबीआइ सरकार को 40,000 करोड़ रुपये का डिविडेंड दे चुका है।
इस तरह 28,000 करोड़ रुपये के अंतरिम डिविडेंड को मिला लेने पर सरकार के खजाने में कुल 68000 करोड़ रुपये आएंगे। वैसे वित्त वर्ष 2017-18 में आरबीआइ ने सरकार को 50000 करोड़ रुपये डिविडेंड दिया था जिसमें 10,000 करोड़ रुपये अंतरिम डिविडेंड के भी शामिल थे।
चालू वित्त वर्ष में भी अंतरिम डिविडेंड मिलने से सरकार को राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने में मदद मिलेगी। वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर नियंत्रित रखने का लक्ष्य रखा है। इसी के मद्देनजर सरकार ने आरबीआइ से लगभग 28,000 करोड़ रुपये के अंतरिम डिविडेंड की अपेक्षा की थी।
हाल के महीनों में रिजर्व बैंक और सरकार के बीच डिविडेंड तथा आरबीआइ की परिसंपत्तियों के मुद्दे पर टकराव की स्थिति रही है। वित्त मंत्रालय और आरबीआइ के मध्य मतभेद की खबरें आयीं हैं।
आरबीआइ के मुताबिक संक्षिप्त ऑडिट समीक्षा और आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क के आधार पर बैंक ने यह डिविडेंड ट्रांसफर करने का फैसला किया है। यह दूसरा साल है जब आरबीआइ अंतरिम डिविडेंड ट्रांसफर करेगा।
इससे पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरबीआइ के सेंट्रल बोर्ड को संबोधित किया। उन्होंने सरकार द्वारा बीते चार साल में उठाए गए विभिन्न नीतिगत व सुधारात्मक कदमों और उनके प्रभावों का ब्यौरा दिया। बोर्ड की बैठक शुरु होने से पहले पुलवामा में शहीद हुए लोगों को श्रृद्धांजलि देने के लिए दो मिनट मौन भी रखा गया।