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Exclusive Interview : क्या लालू राज में स्मार्ट फोन से वीडियो बना पाते? लोग कहते हैं- नहीं सर फोन छीन लिया जाता : रविशंकर प्रसाद

बिहार में पहले चरण के मतदान के साथ ही हर दल अलग अलग मसले के साथ अपने चुनावी अभियान को धार दे रहे हैं। भाजपा जंगल राज की याद दिलाकर और विकास के एजेंडे को धार दे रही है। प्रस्‍तुत है केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ बातचीत के अंश...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 08:04 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 02:12 AM (IST)
Exclusive Interview : क्या लालू राज में स्मार्ट फोन से वीडियो बना पाते? लोग कहते हैं- नहीं सर फोन छीन लिया जाता : रविशंकर प्रसाद
केंद्रीय विधि, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राजद पर करारा हमला बोला है...

नई दिल्‍ली, जेएनएन। बिहार में पहले चरण के मतदान और आकलन के साथ ही हर दल में गुणा-भाग और रणनीति तय होने लगी है। ऐसे में भाजपा जंगल राज की याद दिलाकर और विकास की सोच के साथ ही अब केंद्र में मोदी के नेतृत्व को और धार देगी। केंद्रीय विधि, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा की बातचीत के अंश...

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सवाल : पहले चरण के मतदान के बाद आप चुनाव को किस दिशा में जाते देख रहे हैं?

जवाब : जिस तरह लोग विकास की बातें कर रहे हैं, जंगल राज की चर्चा हो रही है, उसके आधार पर मैं प्रामाणिकता के साथ कहूंगा कि राजग पर ही लोगों को भरोसा है। मैं लोगों से पूछता हूं कि क्या लालू राज में स्मार्ट फोन से वीडियो बना पाते? तत्काल जवाब आता है- नहीं सर फोन छीन लिया जाता। जबरन दुकानें लिखा ली जाती थीं, वसूली होती थी।

सवाल : भाजपा तो सकारात्मक चुनाव की बात करती रही है फिर जंगल राज के नाम से डराकर वोट क्यों मांगे जा रहे हैं?

जवाब : तेजस्वी से पूछिए कि राजद के पोस्टर से लालू-राबड़ी क्यों गायब हैं क्योंकि लोगों को तत्काल वह राज याद आ जाएगा। तेजस्वी नकाब ओढ़कर निकले हैं। हम कोई डर नहीं दिखा रहे, यह लोगों के अंदर गहरे बैठा है। लोग तो यह भी देख रहे हैं कि केंद्र में जो मोदी सरकार बैठी है उसके डर से पाकिस्तान कांप रहा है। राजग सरकार बिहार और देश को अंधकार से बाहर निकाल लाई है। हम विकास की सिर्फ बात नहीं करते, पूरा खाका तैयार रखते हैं। दूसरी तरफ से केवल घोषणा की जा रही है, उनके पास कोई योजना नहीं है।

सवाल : 15 साल से हर चुनाव में एक केंद्रीय मुद्दा रहा है। इस बार कोई ऐसा मुद्दा है?

जवाब : मुद्दा यही है कि क्या वापस अंधकार में जाना है या फिर रोशनी को और बढ़ाना है। मुद्दा है नेतृत्व क्षमता, निर्णय क्षमता। यह अपेक्षाओं का चुनाव है।

सवाल : पीएम की हालिया रैली में आइटी की बहुत बात हुई। आप आइटी मंत्री हैं। कब तक बिहार को बदलने का भरोसा देंगे?

जवाब : पटना में नौ बीपीओ हैं, मुजफ्फरपुर में खुल गया है, गया में आने वाला है। पटना में टीसीएस सेंटर खुल गया है। बिहार में 35 हजार कॉमन सर्विस सेंटर हैं जिसमें ढाई लाख बच्चे कार्यरत हैं। हर गांव आप्टिकल फाइबर से जुड़ रहा है। बिहार में आइटी हब बनने की पूरी संभावना है।

सवाल : भाजपा ने 19 लाख रोजगार का वादा किया है। आइटी में कितनी नौकरी देंगे?

जवाब : पूरे लालू राज में 90-95 हजार नौकरियां दी गई थीं। नीतीश सरकार में करीब छह लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। जीविका योजना में डेढ़ लाख महिलाएं स्वावलंबी बनी हैं। इसमें एक करोड़ महिलाओं को जोड़ेंगे। आइटी में हम पांच लाख रोजगार देंगे। स्कूल-कॉलेजों में तीन लाख टीचर नियुक्त होंगे। एक लाख डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति होगी। फिशरीज में भी अपार संभावना है।

सवाल : बार-बार भाजपा नेतृत्व को ऐसी घोषणा क्यों करनी पड़ रही है कि जीतने पर नीतीश ही मुख्यमंत्री बनेंगे। क्या असमंजस है?

जवाब : पूरा कंफ्यूजन मीडिया का है। आप बार-बार पूछते हैं तो हमें बताना पड़ता है। 


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