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Rafale Deal: रविशंकर बोले- राहुल अनजाने में या जानबूझकर राफेल के प्रतिस्पर्द्धियों के हाथों में खेल रहे

राहुल गांधी का कहना है कि राफेल से जुड़े दस्‍तावेज गायब हुए हैं तो इसका मतलब ये है कि इन कागजों में कोई न कोई सच्चाई तो जरूर है। भाजपा ने कांग्रेस अध्‍यक्ष पर पलटवार किया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 11:00 AM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 11:19 AM (IST)
Rafale Deal: रविशंकर बोले- राहुल अनजाने में या जानबूझकर राफेल के प्रतिस्पर्द्धियों के हाथों में खेल रहे
Rafale Deal: रविशंकर बोले- राहुल अनजाने में या जानबूझकर राफेल के प्रतिस्पर्द्धियों के हाथों में खेल रहे

नई दिल्‍ली, एएनआइ। Rafale Deal सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद फिर राफेल लड़ाकू विमान के सौदे का मुद्दा गरमा गया है। कांग्रेस और भाजपा के बीच इस रक्षा सौदे पर जमकर राजनीति हो रही है। राहुल गांधी का कहना है कि राफेल से जुड़े दस्‍तावेज गायब हुए हैं तो इसका मतलब ये है कि इन कागजों में कोई न कोई सच्चाई तो जरूर है। भाजपा ने कांग्रेस अध्‍यक्ष पर पलटवार करते हुए पूछा है कि क्‍या राहुल गांधी फिर पाकिस्‍तान पर भरोसा करना चाहते हैं?

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'हम राहुल गांधी के झूठ की निंदा करते हैं। वह इंडियन एयरफोर्स पर विश्वास नहीं करते, न ही सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास करते हैं, इतना ही नहीं उन्हें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) पर भी भरोसा नहीं है। क्या राहुल गांधी फिर पाकिस्तान पर भरोसा करना चाहते हैं। वह अनजाने में या जानबूझकर राफेल प्रतियोगियों के हाथों में खेल रहे हैं।'

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर आरोप लगाया कि राफेल के गायब हुए दस्‍तावेज में साफ लिखा है कि नरेंद्र मोदी इस रक्षा सौदे में समानांतर सौदेबाजी कर रहे थे, अब ये बात हर कोई कह रहा है। उन्होंने कहा कि राफेल डील में नरेंद्र मोदी ने बाईपास सर्जरी की है। इस सरकार के राज में रोजगार-किसानों के मुद्दे के साथ राफेल की फाइलें भी गायब है। मोदी सरकार का काम सबकुछ गायब करना है। उन्होंने कहा कि जिनका नाम कागजों में है उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।

गौरतलब है कि राफेल लड़ाकू विमान मामले में रिव्यू पिटिशन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने स्‍वीकार किया कि रक्षा मंत्रालय से जुड़े दस्‍तावेज चोरी हो गए हैं। ने कहा कि हिंदू अखबार, याचिकाकर्ता भूषण और अन्य लोग चोरी के दस्तावेजों पर भरोसा कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ेगा। जो किया गया है, वह अपराध है। हम इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि ये दस्तावेज संलग्न नहीं किए जा सकते। रिव्यू को खारिज किया जाए।


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