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तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग अवैध, प्रदर्शनों के कारण ऐसा करने से खतरे में आएगा लोकतंत्र : अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि यदि केंद्र ने प्रदर्शनों के आगे झुक कर उन कानूनों को वापस लेना शुरू कर दिया जिन्हें संसद में पारित किया गया है तो संसदीय लोकतंत्र और संविधान बहुत बड़े खतरे में पड़ जाएगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 07:09 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 07:09 PM (IST)
तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग अवैध, प्रदर्शनों के कारण ऐसा करने से खतरे में आएगा लोकतंत्र : अठावले
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि यदि कृषि कानूनों को वापस लेना उचित नहीं है।

पणजी, एजेंसियां। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि अगर केंद्र ने प्रदर्शनों के आगे झुक कर उन कानूनों को वापस लेना शुरू कर दिया जिन्हें संसद में पारित किया गया है, तो संसदीय लोकतंत्र और संविधान बहुत बड़े खतरे में पड़ जाएगा। केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के घटक दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआइ) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अठावले ने दिल्ली में किसानों के जारी प्रदर्शन पर संवाददाताओं से कहा कि कृषि सुधार के तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग अवैध है। इन कानूनों को बहुमत के साथ संसद में पारित किया गया है।

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अगर ऐसे कानूनों को इसलिए वापस ले लिया जाए कि उसके खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं तो यह बात संसद में पारित किए गए हरेक कानून पर अमल में लाई जाएगी। इससे संविधान और संसदीय लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। किसानों को केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित समझौते पर राजी हो जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में मध्यप्रदेश की एक रैली में कहा है कि नए कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि उत्पादों की मंडी समितियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने किसानों की जमीनों पर कब्जा किए जाने की अफवाहों को भी सिरे से खारिज कर दिया। अठावले ने कहा कि किसानों को केंद्र सरकार के कृषि सुधारों पर स्पष्टीकरण मांगने का अधिकार है। लेकिन इस मामले में लगता है कि किसानों को गुमराह कर उकसाया गया है। किसानों भीषण सर्दी में पिछले 25 दिनों से सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें प्रदर्शन वापस लेकर सरकार से चर्चा के लिए तैयार रहना चाहिए।

पवार को राजग का साथ देना चाहिए

अठावले ने कहा कि राकांपा सुप्रीमो शरद पवार का बतौर किसान नेता ट्रैक रिकार्ड अच्छा है, इसलिए उनकी वजह से राजग को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पवार और राकांपा को राजग में शामिल हो जाना चाहिए। लेकिन राकांपा शामिल होती है या नहीं यह उन पर ही निर्भर करता है। उन्होंने पवार को अपना पुराना मित्र बताते हुए कहा कि राजग के साथ आंध्र में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाइएसआर भी शामिल होने वाली है। ओडिशा में जनता दल भी राजग में शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी की तरह ही कांग्रेस अपना जनाधार खो रही है। कांग्रेस के दिन पूरे हो चुके हैं और भाजपा के दिन आ गए हैं।

बंगाल में 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा

केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा कि भाजपा आगामी पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतेगी। पार्टी वहां पर सरकार बनाएगी। आरपीआइ-ए की पश्चिम बंगाल में अच्छी पकड़ है। वहां 36 फीसद आबादी अनुसूचित जाति की है। हम भाजपा से पश्चिम बंगाल में अपने लिए चार से पांच सीटें मांगी हैं। वह इस मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा करेंगे। सामाजिक न्याय राज्यमंत्री ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से मुलाकात करके तटीय राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी पर भी चर्चा की। 


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