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संसद मानसून सत्र: राज्‍यसभा के प्रमुख नेताओं से मिले नायडू, विपक्ष से सहयोग की अपील

राज्‍यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू सदन के प्रमुख नेताओं से मंगलवार शाम को मिले। उन्‍होंने प्रमुख दलों के नेताओं को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया था।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 12:19 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 06:36 PM (IST)
संसद मानसून सत्र: राज्‍यसभा के प्रमुख नेताओं से मिले नायडू, विपक्ष से सहयोग की अपील
संसद मानसून सत्र: राज्‍यसभा के प्रमुख नेताओं से मिले नायडू, विपक्ष से सहयोग की अपील

नई दिल्‍ली [ एजेंसी ]। मानसून सत्र से एक दिन पहले राज्‍यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू सदन के प्रमुख नेताओं से मंगलवार शाम को मिले। उन्‍होंने प्रमुख दलों के नेताओं को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया था।इस मुलाकात के दौरान उन्होंने सदन का कामकाज सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा की। सत्र के सुचारू रूप से चलने और लंबित विधेयकों को पारित कराने के लिए नायडू ने अन्‍य राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील भी की।

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इससे पहले, इस सिलसिले में सरकार ने सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है। इस बीच दाेनों सदनों में सभी दलों के बीच आम सहमति बनाने की कोशिश तेज हो गई है, ताकि सदनों की कार्यवाही को सही ढंग से चलाया जा सके। संसद का पिछला सत्र पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया था। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी दलों की इच्छा है कि इस सत्र में सही ढंग से काम हो।

इस सत्र में तीन तलाक विधेयक सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। यह विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में लंबित है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राज्यसभा के उपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भी तकरार बढ़ सकता है। राज्यसभा के उपाध्यक्ष पीजे कुरियन एक जुलाई को सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

सरकार का जोर अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित विधेयक को पारित कराने पर भी है। सरकार के एजेंडे में मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग विधेयक और ट्रांसजेंडर के अधिकारों से जुड़ा विधेयक भी है। सत्र के दौरान आपराधिक कानून संशोधन विधेयक 2018 भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। इसमें 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड तक की कठोर सजा का प्रावधान है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था वह 18 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद के मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराएं।


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