राजनाथ ने संसद में कहा- भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार सतर्क
भारत और चीन के बीच इस समय सीमा पर शांति का माहौल है। दोनो ही देश सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाये रखने के लिए वर्तमान समझौते का अनुपालन कर रहे है।kj
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भले ही मोदी सरकार की विदेश नीति को कठघरे में खड़ा करती हो, लेकिन विपक्ष से ही बीजू जनता दल ने अपील की है कि विदेश नीति के मामले में सभी को सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए। मोदी सरकार को एक सुर में समर्थन करना चाहिए।
दरअसल लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से लद्दाख क्षेत्र में चीन के कथित घुसपैठ का मामला उठाया गया। सदन में मौजूद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने न सिर्फ तत्काल इसे नकारा बल्कि आश्चर्य भी जताया कि आखिर कांग्रेस ने एकबारगी इस मुद्दे को क्यों उठाया। गौरतलब है कि भारत चीन के बीच संबंध सुधर रहे हैं, ऐसे में सवाल उठाना बहुत उचित नहीं है।
राजनाथ सिंह ने सदन में देश को विश्वास दिलाया है कि दोनो ही देश सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाये रखने के लिए वर्तमान समझौते का अनुपालन कर रहे है। राजनाथ ने कहा कि दोनों देशों के सशस्त्र बल पूरी तरह से संयम का पालन कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान में शिखर वार्ता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस बैठक में होने पक्षों ने सीमाओं पर शांति और स्थिरता स्थापित करने की बात को रेखांकित किया था। वहीं दोनो देशों ने अपनी सेनाओं को सामरिक दिशानिर्देश भी जारी किये थे।
भारत-चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि भारत सरकार देश की सुरक्षा की आवश्यकताओं के बारे में पूरी तरीके से जागरुक है और समय-समय पर इसकी समीक्षा कर उचित निर्णय लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा, भारत-चीन सीमा पर कोई तनाव नहीं है। राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत और चीन के बीच सीमा पर शांति का माहौल है, लेकिन कभी-कभी स्थानीय स्तर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर धारणा में भिन्नता होने के चलते अप्रिय स्थितियां बन जाती है।
उन्होंने कहा कि दोनो देशों के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए औपचारिक प्रणालियां बनाई गई है और दोनो देश इनका सम्मान करते है।
राजनाथ के बाद बीजद नेता भतृहरि मेहताब ने सरकार का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि विदेश नीति पर हमें सरकार के साथ ही खड़ा होना चाहिए। हमें एक सुर से समर्थन देना चाहिए। जाहिर तौर पर उन्होंने बहुत जिम्मेदार रुख दिखाया, लेकिन इसका राजनीतिक पक्ष भी देखा जा रहा है।
ध्यान रहे कि अभी लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद का भी चुनाव बाकी है। अटकलें लगती रही हैं कि भाजपा यह पद बीजद के दे सकती है। पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव के वक्त भी बीजद से ओडिशा से भाजपा के एक उम्मीदवार को समर्थन दिया था।